बुधवार को लंबी चली सीईसी की बैठक के बाद भी कांग्रेस की 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची नहीं आने को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है. इन्हीं अटकलों को विराम लगाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें टिकट वितरण में देरी के लिए सचिन पायलट के साथ उनकी अनबन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजस्थान इकाई के भीतर कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने (पायलट खेमे के) एक भी उम्मीदवार की उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया है और सचिन पायलट के समर्थकों के पक्ष में फैसले ले रहे हैं.
मैंने (पायलट पक्ष के) किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है
उन्होंन कहा, “चयन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का दर्द यह है कि कांग्रेस पार्टी में कोई मतभेद क्यों नहीं हैं. मुझे यकीन है कि आप सचिन पायलट के बारे में बात कर रहे हैं. सभी फैसले सबकी राय से हो रहे हैं. मैं सचिन के फैसलों में हिस्सा ले रहा हूं.” उन्होंने गुरुवार को कहा, पायलट के समर्थक, उनके पक्ष में हैं. केवल बीजेपी को सहज निर्णय लेने की चिंता है,” पायलट के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम सभी एकजुट हैं. मैंने (पायलट पक्ष के) किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है.”
#WATCH दिल्ली: सचिन पायलट के साथ सत्ता संघर्ष पर राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, ” हम सब एकजुट हैं। मैंने किसी भी एक उम्मीदवार (पायलट पक्ष के) का विरोध नहीं किया है।” pic.twitter.com/PY5XTVYEUJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2023
मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है
मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ”सोनिया गांधी (कांग्रेस) अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने पहला फैसला मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लिया. मैं सीएम पद का उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे सीएम के रूप में चुना.” ..मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और यह मुझे छोड़ेगा भी नहीं.”
#WATCH दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “एक बार एक महिला ने मुझसे कहा था कि भगवान की इच्छा है कि आप चौथी बार मुख्यमंत्री बनें… मैंने उनसे कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।” pic.twitter.com/AAHJeqfzPD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2023
आपको याद होगा मुख्यमंत्री पद के लिए 2018 में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच विवादहुआ था. पद को लेकर खींचतान और इसके कारण 2020 में विद्रोह जैसे हालात बनना और फिर पायलट के उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद खोने के साथ इस विवाद के खत्म होने के बाद से ही ये कयास लगाए जाते रहे है कि न गहलोत पायलट को माफ कर पाए है और न ही पायलट अपनी बेइज्जती भूले हैं.