वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपने बहनोई रोबर्ड वाड्रा Robert Vadra के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट को परेशान करने के षडयंत्र का हिस्सा बताया. राहुल गांधी ने चार्जशीट के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की. गुरुवार को ईडी ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी के रूप में नामित करते हुए चार्जशीट दायर की थी.
मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं-राहुल गांधी
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट को “दुर्भावनापूर्ण, राजनीति से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न” करार दिया. राहुल गांधी ने कहा कि उनके बहनोई को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है.
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “मेरे बहनोई को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है. यह ताज़ा आरोपपत्र उसी षडयंत्र का एक और हिस्सा है.
मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं, क्योंकि उन्हें दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न का एक और हमला झेलना पड़ रहा है.
मैं जानता हूं कि वे सभी किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करने के लिए पर्याप्त साहसी हैं और वे ऐसा सम्मान के साथ करते रहेंगे. आखिरकार सच्चाई की जीत होगी.”
My brother-in-law has been hounded by this government for the last ten years. This latest chargesheet is a continuation of that witch hunt.
I stand with Robert, Priyanka and their children as they face yet another onslaught of malicious, politically motivated slander and…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 18, 2025
2008 के जमीन खरीद के मामले में Robert Vadra को बनाया है आरोपी
गुरुवार को ईडी ने 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.53 एकड़ जमीन के सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में वाड्रा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
वाड्रा के खिलाफ यह ईडी का पहला आरोपपत्र है, जिनसे अप्रैल में इस मामले में तीन दिनों तक पूछताछ की गई थी. शिकोहपुर में ₹7.5 करोड़ की ज़मीन खरीदते समय वाड्रा की दो कंपनियों के बैंक खातों में कथित तौर पर केवल ₹1-1 लाख रुपये थे.
अप्रैल में Robert Vadra से ईडी ने की थी 3 दिन तक पूछताछ
ईडी ने अप्रैल में वाड्रा से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की थी. जाँचकर्ताओं के अनुसार, वाड्रा की दो कंपनियों ने, जिनके बैंक खातों में केवल ₹1-1 लाख रुपये थे, फरवरी 2008 में शिकोहपुर में ₹0.5 करोड़ की 3.53 एकड़ ज़मीन खरीदी थी. जाँच में कथित तौर पर पाया गया कि वाड्रा की कंपनी ने ज़मीन के व्यावसायिक विकास के लिए आवेदन किया था, जिसे हरियाणा सरकार से चार दिनों के भीतर मंज़ूरी मिल गई थी. सितंबर 2012 में, यह ज़मीन रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को लगभग ₹58 करोड़ में बेच दी गई थी.
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