सोमवार सुबह राहुल गांधी बेगूसराय की सड़कों पर नज़र आए. नेता विपक्ष राहुल गांधी बिहार में कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा’ में शामिल हुए. बिहार में कांग्रेस के एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार पलायन रोको यात्रा निकाल रहे है. इस यात्रा का मकसद बिहार के युवाओं को पलायन रोकने और उन्हें खुद के प्रदेश में रोजगार मिले ये संदेश देने का लक्ष्य है. कांग्रेस का कहना है कि ये यात्रा बिहार के संघर्ष की आवाज और उम्मीद है. हम वर्षों से अन्याय झेल रहे राज्य के नौजवानों को ‘न्याय का हक’ दिलाकर रहेंगे.
पिछले 3 महीने 7 दिन के अंदर राहुल गांधी का ये तीसरा बिहार दौरा है.बेगूसराय में यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी अब पटना पहुंच गए है. वे पटना के बापू सभागार में संविधान सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. इसके बाद वह बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करेंगे.
राहुल गांधी के साथ नज़र आई लाखों की भीड़
सोमवार सुबह बेगूसराय में राहुल गांधी के यात्रा से जुड़ने के साथ ही भीड़ भी बढ़ गई. यात्रा में राहुल गांधी को लेकर लोगों की दीवानगी देखने को मिली. सड़कों पर हज़ारों की संख्या में लोग यात्रा के साथ चलते या सड़क किनारे खड़े होकर यात्रा को देखते नज़र आए.
राहुल गांधी यहां अपने White T-Shirt में नज़र आए. कांग्रेस ने बिहार के युवाओं से भी आपील की थी कि आप भी White T-Shirt पहन कर आइए.
कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर यात्रा के कई वीडियो पोस्ट किए. कांग्रेस ने वीडियो और फोटो शेयर करते हुए लिखा, “बिहार के युवाओं ने बेरोजगारी, पेपर लीक, परीक्षा में धांधली और अन्याय का बहुत दंश झेल लिया. उन्होंने रोजगार मांगा तो झूठे वादे किए गए, सवाल पूछा तो बेरहमी से पिटवाया गया- लेकिन अब और नहीं. हर अन्याय का जवाब मांगा जाएगा, हर नौकरी का हिसाब मांगा जाएगा. हम बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ इस लड़ाई में प्रदेश के युवाओं के साथ खड़े हैं.
जय बिहार ✊
जय कांग्रेस ✋पलायन रोको-नौकरी दो यात्रा
📍 बेगूसराय pic.twitter.com/UvlnrwMpG1
— Congress (@INCIndia) April 7, 2025
बेगूसराय क्यों है खास
बेगूसराय कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का गृह जनपद है वो यहां से चुनाव लड़ चुकें है. पहली बार जेएनयू के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगुसराय से चुनाव लड़ा. कुल 269,976 वोट और 22.03% वोट शेयर के साथ वह चुनाव हार गए थे.
जबकि दूसरी बार कन्हैया 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी बने और बीजेपी के मनोज तिवारी से करारी शिकस्त खाई.
इस बार बिहार चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने फिर एक बार कन्हैया को बिहार वापस भेजा है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि आरजेडी अपने युवा नेता तेजस्वी यादव के सामने किसी दूसरे युवा नेता को खड़ा होते नहीं देखना चाहती इसलिए बिहार में कन्हैया महागठबंधन की एकता के लिए खतरा बन सकते हैं.