Friday, September 19, 2025

‘vote chori’ PC 2.0: 100% बुलेटप्रूफ सबूत…’हाइड्रोजन बम’ आना बाकी, ECI को अल्टीमेटम, जाने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी मुख्य बातें

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‘vote chori’ PC 2.0: गुरुवार को वोट चोरी के अपने आरोपों पर अपनी दूसरी विस्फोटक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत भर में लाखों मतदाताओं को एक केंद्रीय समन्वित घोटाले के तहत नाम हटाने के लिए टरगेट किया गया है. हलांकि उन्होंने कहा कि ये वो “हाइड्रोजन बम” नहीं है जिसका उन्होंने दावा किया था.
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी टीम अभी भी उस हाइड्रोजन बम को गिराने की तैयारी कर रही है. साथ ही दावा किया की अब तक प्रस्तुत की गई हर चीज “100 प्रतिशत बुलेटप्रूफ” है.
उन्होंने कहा कि “इस मंच पर मैं ऐसी कोई बात नहीं कहूँगा जिसके 100 प्रतिशत प्रमाण न हों.” राहुल ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि हाइड्रोजन बम आ रहा है. “तैयारी चल रही है.”

‘vote chori’ PC 2.0 ॉके मुख्य बिंदू

1. कांग्रेस के मज़बूत बूथों पर मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिशें

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाताओं के नाम हटाने की यह कोशिशें बेतरतीब नहीं हैं, बल्कि खास तौर पर उन बूथों को लक्षित किया गया जहाँ कांग्रेस आगे है. कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में, उन्होंने दावा किया कि 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की गई, जो संभवतः वास्तविक संख्या का एक अंश है. उन्होंने गोदाबाई नाम की एक महिला का मामला बताया, कथित तौर पर जिसका नाम बिना उसकी जानकारी के इस्तेमाल करके 12 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए फ़र्ज़ी लॉगिन बनाए गए थे.

2. फर्जी लॉगिन, संदिग्ध नंबर और स्वचालित उपकरण

राहुल गांधी ने स्लाइड्स पेश करते हुए दावा किया कि नाम हटाने की प्रक्रिया में कर्नाटक के बाहर के फर्जी लॉगिन और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने सूर्यकांत नाम के एक व्यक्ति का हवाला दिया, जिसने कथित तौर पर 14 मिनट में 12 मतदाताओं के नाम हटा दिए – और उसे और “हटाए गए” मतदाताओं में से एक, बबीता चौधरी, दोनों को मंच पर बुलाया.
एक और उदाहरण: नागराज नाम के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर सुबह 4:07 बजे सिर्फ़ 38 सेकंड में दो विलोपन फ़ॉर्म भर दिए, जिसे राहुल गांधी ने “मानवीय रूप से असंभव” बताया.

3. केंद्रीकृत, कॉल सेंटर-शैली की कार्रवाई

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाताओं के नाम हटाने के पीछे एक केंद्रीकृत सॉफ़्टवेयर-आधारित ऑपरेशन, जो संभवतः एक कॉल सेंटर से चलाया जाता है, का हाथ है.
कथित तौर पर एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कई राज्यों में आवेदन करने के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि यह सिस्टम मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने, दोनों में हेरफेर करने के लिए बनाया गया था.

4. चुनाव आयोग ने कर्नाटक सीआईडी के 18 पत्रों को नज़रअंदाज़ किया

राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर घोटाले के पीछे के लोगों को बचाने का सीधा आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने मतदाता विलोपन घोटाले से संबंधित जानकारी मांगने के लिए 18 महीनों में 18 पत्र लिखे – लेकिन चुनाव आयोग ने कभी भी सार्थक जवाब नहीं दिया.
राहुल गांधी ने दावा किया कि सबसे हालिया रिमाइंडर सितंबर 2025 में भेजा गया था.
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर संविधान को नष्ट करने और उस पर हमला करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया और उन्हें कर्नाटक सीआईडी को सबूत जारी करने के लिए एक हफ़्ते का समय दिया.

5. महाराष्ट्र में फ़र्ज़ी मतदाता सूची

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा में भी फ़र्ज़ी मतदाता सूची में नाम जोड़ने का दावा किया – जिसमें कुछ अजीबोगरीब प्रविष्टियाँ शामिल हैं जैसे-
मतदाता का नाम: ‘YUH UQJJW’
पता: ‘सस्ती, सस्ती’
उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी यही पैटर्न पाया गया.

6. चुनाव आयोग को दी जवाब देने के लिए एक हफ़्ते की समय सीमा

राहुल गांधी ने मांग की कि भारत का चुनाव आयोग एक हफ़्ते के भीतर घोटाले में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों और ओटीपी का डेटा जारी करे, वरना यह साबित हो जाएगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त “वोट चोरों (चोरों) को सक्रिय रूप से संरक्षण दे रहा है.”
भारत के चुनाव आयोग (ईसी) ने गुरुवार को राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनके इन आरोपों को “गलत और निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार मतदाता सूची से नाम हटाने के घोटाले में शामिल लोगों को बचाने के आरोपों को निराधार बताया.

ये भी पढ़ें-Rahul Gandhi Vs ECI: “श्री राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार…

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