नई दिल्ली : साल 2022 में गिरफ्तार किये गये भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर Qatar की अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. भारत सरकार ने कतर Qatar की अदालत के फैसले को गहरा सदमा बताया है . भारत सरकार के विदेश मंत्रालयल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कतर Qatar में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों की मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं.
Verdict in the case of 8 Indians detained in Qatar: We are deeply shocked by the verdict of death penalty and are awaiting the detailed judgement. We are in touch with the family members and the legal team, and we are exploring all legal options. We attach high importance to this… pic.twitter.com/l6yAg1GoJe
— ANI (@ANI) October 26, 2023
Qatarसरकार के फैसले से सदमें में भारत सरकार
भारत सरकार ने कहा है कि फिलहाल हम विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे”
Qatar की निजी कंपनी में काम करते थे सभी 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक
बता दें कि कतर सरकार ने पिछले साल भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को एक निजी कंपनी में काम करने के दौरान गिरफ्तार किया था. ये 8 पूर्व नौसैनिक कतर के निजी कंपनी कतरी एमिनी में काम कर रहे थे. ये कंपनी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सुरक्षा संबंधी अन्य सेवाएं प्रदान कर करती थी. कतर सरकार ने 8 भारतीय नौसेना अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाया था
सजा पानेवालों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अधिकारी भी
कतर सरकार ने जिन 8 भारतीय पूर्व नौसैनिको को मौत की सजा सुनाई है उसमें एक अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें 2019 में भारत ने राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया था. पूर्व नौसेना अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया था .
कतर की सरकार से बात करेगी भारत सरकार – विदेश मंत्रालय
सजा के ऐलान के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार कतर सरकार के इस फैसले से गहरे सदमें में है. विदेश मंत्रालय न कहा कै कि हम फिलहाल डिटेल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. फिर सरकार कानूनी सहायता से लेकर हर डिप्लमेटिक सहायता के लिए प्रयास करेगी.