Imran Khan : पाकिस्तान में लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा है. पाकिस्तान की सरकार कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है.
Imran Khan की पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने की है तैयारी
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने एएफपी को बताया कि, “सरकार ने निर्णय लिया है कि संघीय सरकार पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) पर प्रतिबंध लगाने के लिए मामला आगे बढ़ाएगी.” मंत्री ने कहा, “हमारा मानना है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.”
सत्ता में वापसी से रोकने के लिए चलाए जा रहे हैं मुकदमे- इमरान
इमरान खान पिछले करीब एक साल से जेल में बंद हैं. इमरान का आरोप है कि फरवरी 2025 में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में उन्हें सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए सरकार उनपर झूठे मुकदमे चलाए जा रही हैं. आपको बता दें, क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को लाहौर पुलिस ने पिछले साल 9 मई को हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने तोशाखाना मामले में उनकी आठ दिन की रिमांड हासिल की थी.
इमरान पर देशद्रोह का क्या है आरोप
पिछले हफ़्ते लाहौर के एटीसी ने 9 मई के दंगों के तीन मामलों में पीटीआई प्रमुख की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी और पूछताछ के लिए इमरान को पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इमरान खान पर पिछले साल 9 मई को लाहौर कोर कमांडर हाउस, जिसे जिन्ना हाउस, अस्करी टॉवर और शादमान पुलिस स्टेशन के नाम से जाना जाता है, पर हमले के लिए अपने समर्थकों को उकसाने के आरोप है,
कोर्ट ने पीटीआई को चुनाव लड़ने का पात्र माना था
शहबाज शरीफ सरकार का यह कदम पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीटीआई को राष्ट्रीय प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों के लिए पात्र घोषित किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद, पीटीआई 109 सीटों के साथ नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
इमरान खान, जिन्हें 2022 में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था लगातार पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना नेतृत्व और उसके समर्थकों पर हमला कर रहे हैं. जिसके चलते उनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज किए गए है.
ऐसे ही एक मामले में हाल में इस्लामाबाद की एक अदालत ने उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को “इद्दत मामले” में बरी कर दिया था. इस मामले में उनपर गैर-इस्लामिक निकाह तरीके से निकाह करने का आरोप था. बुशरा के पूर्व पति खावर मेनका ने उनके निकाह को चुनौती दी थी जिसमें खान दंपति को सात साल की जेल और प्रत्येक पर पांच लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया था.