Pratima Kushwaha : बिहार में सियासी घमासान तेज है. सभी पार्टियों के कद्दावर नेता अपनी-अपनी ताकत के हिसाब मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं लेकिन कुछ बाजियां पर्दे के पीछे भी खेली जा रही हैं. ऐसी ही एक बाजी बीजेपी ने खेली है, जिससे राजद और तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लग सकता है. शनिवार को राजद महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और पार्टी की कद्दावर महिला नेता मानी जाने वाली प्रतिमा कुशवाहा ने बीजेपी का दामन थाम लिया. प्रतिमा कुशवाहा को भाजपा की सदस्यता बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीलीप जायसवाल ने दिलाई. भाजपा में शामिल होते ही कुशवाहा ने लालू परिवार और तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
#WATCH | Patna: Pratima Kushwaha left RJD and joined BJP today: State BJP President Dilip Jaiswal
On joining the BJP, she says, “I seek Chhathi Maiya’s blessings that an NDA coalition government be formed, so that the wheel of development in Bihar continues to move forward… pic.twitter.com/BsBxFHRxIp
— ANI (@ANI) October 25, 2025
Pratima Kushwaha:‘राजद में ग्रासरुट कार्यकर्ताओं के नहीं मिलता सम्मान’
भाजपा में शामिल होते ही प्रतिमा कुशवाहा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजद में जमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दिया जाता है. पार्टी में परिवारवाद, भाई भतीजावाद हावी है. कुशवाहा ने लगे हाथों कांग्रेस को भी लपेट लिया. कुशवाहा ने कहा कि यहां कांग्रेस पार्टी भी पीछे नहीं है. उनके नेता भी नेतृत्व के व्यवहार से निराश हैं.
तेजस्वी यादव पर लगाये आरोप
प्रतिमा कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव भले ही नौकरी देने की बात करते हैं लेकिन नौकरी देने के लिए जमीन (Land for Job) भी ले लेते हैं. राष्ट्रीय जनता दल में सारे आरक्षण परिवार के लोगों के लिए ही होते हैं. राज्य में अगर महिलाओं को असल में आरक्षण मिला है तो वो एनडीए की सरकार ने ही दिया है. इसे लेकर राजद के अंदर भी काफी असंतोष है.
प्रतिमा कुशवाहा के जाने से किसको फायदा और किसे होगा नुकसान ?
बिहार की राजनीति में कुशवाहा यानी कोइरी समाज एक बड़ा वोट बैंक है. राजद ने हाल ही में इस समाज का वोट हासिल करने के लिए समाज को मजबूत करने के नाम पर कई प्रयास किए, जैसे सम्मान समारोह आयोजित करना और उम्मीदवारों को प्राथमिकता देना आदि. इसलिए माना जा सकता है कि प्रतिमा कुशवाहा के जाने से राजद को नुकसान हो सकता है और इसका फायदा एनडीए को मिल सकता है.
राजद ने कुशवाहा समाज का वोट पक्का करने के लिए हाल ही में कई नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया था जिसमें पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा (जदयू से) और पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा (बीजेपी से) और वीरेन्द्र प्रसाद कुशवाहा (बीजेपी से)शामिल हैं. ऐसे में एक बड़ी कुशवाहा नेता का राजद से जाना तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.

