भागलपुर : आमतौर पर किसी भी काम को करने के लिए उससे जुड़ी पढ़ाई,डिग्री और जानकारी होनी चाहिए. लेकिन भागलपुर में एक ऐसा डॉक्टर Doctor है जो बिना डिग्री के ही 600 से अधिक पोस्टमॉर्टम कर चुका है. भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के पोस्टमॉर्टम विभाग में पदस्थापित डॉक्टर Doctor धीरज के पास सिर्फ एमबीबीएस की डिग्री है. पोस्टमॉर्टम करने के लिए एमडी फोरेंसिक कोर्स की डिग्री होनी चाहिए लेकिन डॉ धीरज सिर्फ एमबीबीएस हैं और पिछले कई साल से पोस्टमॉर्टम का काम कर रहे हैं.
Doctor के पास नहीं है फॉरेंसिक की डिग्री
डॉक्टर धीरज का कहना है कि वो फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं हैं इसलिए पोस्टमार्टम करने में परेशानी होती है. कई बार पोस्टमार्टम सीनियर से फोन पर सलाह लेकर करनी पड़ती है. ऐसे में काफी मुश्किल होता है.कोर्ट में जज जब केस के बारे में पूछते हैं तो मैं बता नहीं पाता हूं. कई बार ऐसे सवाल भी होते हैं जो मैं समझ नहीं पाता हूं.डॉक्टर धीरज का अनुरोध है कि उन्हें उनके विभाग में भेजा जाए.
4 साल तक मेडिसिन विभाग में किया है काम
डॉ धीरज ने बताया कि वो चार साल तक मेडिसिन विभाग में थे. मेडिसिन विभाग की समझ और जानकारी उन्हें है इसलिए उनका अनुरोध है कि उन्हें फिर से वहीं भेज दिया जाए. उनको वो ही काम सौंपा जाय जो आता है.
कुछ ही दिनों के लिए हुई थी पोस्टिंग
डॉ धीरज ने बताया कि विभाग में डॉक्टर के अभाव में उनको 2021 में पोस्टमॉर्टम विभाग में पोस्टिंग दी गई थी. उस वक्त कहा गया था कि ये पोस्टिंग कुछ ही समय के लिए ही है लेकिन अब मुझे यहां से नहीं निकाला जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
आपको बता दें कि अभी तक 600 से अधिक पोस्टमॉर्टम धीरज कर चुके हैं. अब सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है. पोस्टमार्टम एक महत्वपूर्ण काम होता है जिसके आधार पर बड़े बड़े केस में जज अपना निर्णय सुनाते हैं लेकिन अगर पोस्टमॉर्टम कोई एक्सपर्ट ना करे तो फिर उस रिपोर्ट के आधार पर लिए गए निर्णय का क्या होगा.