Pope Francis Death: पोप फ्रांसिस जो अपनी सुधारवादी सोच के लिए जाने जाते थे, का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. अर्जेंटीना के पोप, जिन्होंने मार्च 2013 से कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया था, गंभीर निमोनिया के कारण रोम के जेमेली अस्पताल में 38 दिनों तक भर्ती रहे थे.
हलांकि हालत में सुधार के चलते 23 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. अपनी मृत्यु से ठीक एक दिन पहले, वे सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी में थोड़े समय के लिए दिखाई दिए थे. ईस्टर संडे को पोप के दर्शन कर वहां एकत्रित हुए श्रद्धालु काफी खुशी हो गए थे.
सुधारवादी सोच के लिए जाने जाएंगे पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस को अपनी सुधारवादी सोच के लिए जाना जाएगा. उन्होंने कई कैथोलिक को मानने वालों को गहराई से प्रेरित किया. इसके साथ ही पोप के विचारों ने परंपरावादियों के बीच बेचैनी भी पैदा की.
अपने पूरे बतौर पोप कार्यकाल के दौरान, फ्रांसिस ने मृत्युदंड और परमाणु हथियार जैसे मुद्दों पर चर्च की शिक्षाओं को नया रूप दिया, गर्भपात जैसे विषयों पर रूढ़िवादी रुख बनाए रखा, तथा मुसलमानों और अन्य समुदायों के साथ संबंध बनाने के लिए काम किया, जो अक्सर चर्च द्वारा बहिष्कृत महसूस करते थे.
पीएम मोदी ने किया पोप को याद
पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया और उनके साथ बिताये समय को याद किया. पीएम ने एक्स पर अंग्रेज़ी में लिखे पोस्ट में कहा, “घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की. जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई.
मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूँ और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा. उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले.”
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
पोप ने अपने अंतिम भाषण में क्या कहा
ईस्टर के अवसर पर रविवार को येरुशलम के पवित्र सेपुलचर से जारी किए गए उनके संदेश में यूक्रेन युद्ध की समाप्ति और पूरी दुनिया में शांति का आह्वान किया गया है. इस वर्ष कैथोलिक और रूढ़िवादी दोनों ने मिलकर ईस्टर मनाया. पोप फ्रांसिस का यूक्रेन में शांति के लिए अंतिम संदेश पोप फ्रांसिस ने अपने ईस्टर संदेश में कहा, “धर्म की स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों के सम्मान के बिना शांति संभव नहीं है. न ही सच्चे निरस्त्रीकरण के बिना शांति संभव है. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी रक्षा के लिए जो कुछ भी करना है, उसे पुनः शस्त्रीकरण की दौड़ में नहीं बदलना चाहिए.”
पोप ने कहा, “पुनरुत्थानित ईसा मसीह युद्ध से तबाह हुए यूक्रेन को ईस्टर के अवसर पर शांति का उपहार प्रदान करें, तथा इसमें शामिल सभी पक्षों को न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करें.”
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