Air India crash report: फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने बुधवार को 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे की पिछले सप्ताह जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर असंतोष जताया है.
पायलटों के संगठन ने जाँच से पायलट प्रतिनिधियों को बाहर रखने पर आपत्ति जताई और “दोष तय करने” से पहले गहन जाँच की माँग की.
जाँच से पहले दोष ठहराना गैर-ज़िम्मेदाराना है
एफआईपी ने एक बयान में कहा, “एक गहन, पारदर्शी और आँकड़ों पर आधारित जाँच से पहले दोष ठहराना समय से पहले और गैर-ज़िम्मेदाराना है. इस तरह की अटकलबाज़ी भरी टिप्पणियाँ उच्च प्रशिक्षित चालक दल के सदस्यों की व्यावसायिकता को कमज़ोर करती हैं और उनके परिवारों और सहकर्मियों को अनावश्यक परेशानी का कारण बनती हैं.”
Air India crash report में “पायलट की गलती” का संकेत दिया था
यह टिप्पणी विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (एएआईबी) की एक रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें खुलासा हुआ था कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुई लंदन जाने वाली एआई171 उड़ान के दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड के भीतर ‘रन’ से ‘कटऑफ़’ पर आ गए थे.
रिपोर्ट में कॉकपिट में दो पायलटों, सुमीत सभरवाल और क्लाइव कुंदर के बीच हुई बातचीत का भी ज़िक्र है. एक पायलट ने पूछा, “तुमने विमान क्यों बंद कर दिया?”, और दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया.”
जाँच रिपोर्ट ने इस बात को लेकर अटकलों को हवा दे दी थी कि दुर्घटना के पीछे क्या कारण हो सकते हैं. एफआईपी के बयान में जाँच की विभिन्न व्याख्याओं पर भी आपत्ति जताई गई और आरोप लगाया गया कि रिपोर्ट में “पायलट की गलती” का संकेत देने के लिए चुनिंदा रूप से कॉकपिट की आवाज़ की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किया गया है.
शुरुआती तथ्यों पर आधारित किसी भी निष्कर्ष पर विश्वास न करें- एफआईपी
बयान में कहा गया है, “जारी की गई रिपोर्ट में व्यापक आंकड़ों का अभाव है और ऐसा लगता है कि इसमें पायलट की गलती का संकेत देने और उड़ान चालक दल की पेशेवर क्षमता और ईमानदारी पर सवाल उठाने के लिए चुनिंदा रूप से कॉकपिट की आवाज़ की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किया गया है. यह दृष्टिकोण न तो वस्तुनिष्ठ है और न ही पूर्ण,” और लोगों से शुरुआती तथ्यों पर आधारित किसी भी निष्कर्ष पर विश्वास न करने का आग्रह किया गया है.
जांच रिपोर्ट में ईंधन नियंत्रण स्विच के संचालन पर ही ध्यान केंद्रित किया गया, जिसके बाद भारत के नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए ने बोइंग 787 और 737 विमानों में स्विच के लॉकिंग तंत्र की जाँच का भी आदेश दिया.
एयर इंडिया ने बाद में कहा कि उसके इंजीनियरों ने निरीक्षण पूरा कर लिया है और उन्हें ईंधन स्विच में “कोई समस्या” नहीं मिली.
12 जून को अहमदाबाद-लंदन एयर इंडिया का विमान हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित 260 लोगों की मौत हो गई। एएआईबी द्वारा प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट ठीक एक महीने बाद 12 जुलाई को जारी की गई.
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