आरा: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के प्रभार वाले जिले भोजपुर में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. परिजन शव को मोटर ठेला से ले जाने को मजबूर है.
दरअसल इन दिनों सरकारी एंबुलेंस चालक के हड़ताल पर चले जाने से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था डगमगा गया है.वहीं मनचाहा रेट की वजह से गरीब तबके के लोग प्राइवेट एंबुलेंस सेवा लेने में सक्षम नहीं है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को होने लगी है. वहीं सरकारी एंबुलेंस ड्राइवर के हड़ताल पर जाने से रोड ऐक्सिडेंट के मामलों में भी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. हालांकि ऐसे मामलों में जिले की पुलिस अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रही है.
आरा में संदेहास्पद स्थिति में नगर थाना क्षेत्र के धरहरा गांव निवासी अजय नट के 22 वर्षीय पुत्र की मौत सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हो गई थी. जिसके बाद उसे बिना पोस्टमार्टम कराए वापस घर लेकर जाना था. उस दौरान उन्हें कोई भी एंबुलेंस नहीं मिला. जिसके बाद परिजन हार पछताकर शव को मोटर ठेला पर ही ले गए.
मृतक की पत्नी चांदनी देवी ने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस चालक मनमानी रकम मांग रहे है. हम लोग गरीब लोग कहां से उतना पैसा दे पाएंगे. अस्पताल के लोग कोई मदद नहीं कर रहा है,ना ही एंबुलेंस दिलाने का काम करा रहे है. अगर हमारे पास पैसा होता तो हमलोग इनके शव को मोटर ठेला(जुगाड़ गाड़ी) पर क्यों लेकर जाते.
वहीं दूसरी तरफ रोड ऐक्सिडेंट में जख्मी चांदी थाना क्षेत्र के जलपुरा गांव निवासी पिंटू कुमार के 25 वर्षीय पत्नी को इलाज के लिए आरा सदर लाया गया था . जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद पटना रेफर कर दिया. जब सरकारी एंबुलेंस को बोलना चाहा तो उनके तरफ से कहा गया की एंबुलेंस ड्राइवर हड़ताल अपर है. जिसके बाद हार पचताके उन्हें प्राइवेट एंबुलेंस को ठोकर कर बिहटा जाना पड़ा. मामले प्राइवेट एंबुलेंस से बिहटा जा रहे युवक से 1700 रुपए मांगी गई है.
मालूम हो कि भोजपुर जिले के 14 प्रखंड के 150 कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिनमें 102 एंबुलेंस के 75 ड्राइवर और 75 मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) शामिल हैं. बीते दिन पहले एंबुलेंस चालक द्वारा आरा सदर अस्पताल के परिसर में सभी 38 एंबुलेंस को लगाकर बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई थी.
आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 4 महीनों से वेतन और बाहर महीनों से भविष्य निधि नहीं जमा किया गया है. साथ समय से गाड़ियों में डीजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है और कंपनी के द्वारा कर्मचारियों से ओवरटाइम ड्यूटी कराया जा रहा है. जिसे लेकर शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डेढ़ सौ कर्मचारी चले गए हैं.