नई दिल्ली : संसद का विशेष सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरु हो रहा है . ये सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर कर यानी 5 दिन चलेगा. इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश किये जाने की खबर है. हलांकि अब तक सांसदों को जो लिस्ट बताई गई हौ इसमें सरकार की तरफ से 8 बिल पेश करने की बात कही गई है.
विशेष सत्र की शुरुआत से पहले सरकार ने बीते कल यानी 16 सितंबर को सरकार ने सबी राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विशेष सत्र के दौरान पेश होने वाले बिल्स (bills) पर चर्चा हुई. विपक्ष ने विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल को पेश करने और पास करने की मांग रखी.
Parliament पीएम मोदी के संबोधन से शुरु हो होगा विशेष सत्र
खबर है कि आज संसद के विशेष सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे संसद के विशेष सत्र में लोकसभा में बोलेंगे . आज का दिन वर्तमान संसद के इतिहास का महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यही वो संसद भवन है जहां आजाद भारत की पहली संसद लगी. यही वो संसद भवन है ,जो 200 साल की गुलामी से देश को आजाद हो जाने का प्रतीक बनी. वर्तमान संसद भवन में आज आखिरी बार सदन की कार्रवाई होगी. कल यानी 19 सितंबर को संसद की कार्रवाई को पुरानी संसद से नई संसद में शिफ्ट कर दिया जायेगा.
मंगलवार को पुरानी Parliament नई इमारत में होगी शिफ्ट
सूत्रों मुताबिक संसद भवन में मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन एक समारोह का आयोजन किया जायेगा जिसमें भारतीय लोकतंत्र और संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जायेगा और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्प दोहराया जायेगा. सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की संयुक्त बैठक के साथ होगी. पुरानी संसद भवन में वर्तमान सभी सदस्यों की तस्वीरें ली जायेगी.
Parliament के विशेष सत्र से पहले सस्पेंस का माहौल – विपक्ष
थोड़ी देर मे संसद का विशेष सत्र शुरु होने जा रहा है , लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? सरकार कौन-कौन से बिल को लेकर सदन में आ रही है. विपक्ष का आरोप है किपीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सस्पेंस का वातावरण बना रखा है. सरकार की तरफ से रविवार शाम हुई सर्वदलीय बैठक में 8 बिल पर विचार का प्रस्ताव रखा गया. इसमें मख्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति , सेवा शर्तें और कार्य अविधि, पोस्ट आफिस बिल , अधिवक्ता (संशोधन बिल) और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल पर चर्चा कराने का प्रस्ताव है.