Wednesday, October 8, 2025

भतीजे चिराग पासवान से हिसाब चुकता करने के मूड में दिखे पशुपति पारस,चुनाव से पहले दिया बड़ा बयान

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Chirag Paswan : एनडीए से नाता तोड़ अपनी नई राजनीतिक पार्टी के साथ महागठबंधन से जुड़े पशुपति पारस ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है.अपने तेवर से उन्होंने ये समझा दिया है कि वो इस बार चिराग पासवान से हिसाब चुकाने के मूड में हैं. चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने ऐलान किया है कि इस बार महागठबंधन से उन्हें जितनी सीटें मिलेंगी,उनपर तो उनकी दावेदारी होगी ही, उन सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े करेंगे, जहां से चिराग पासवान अपने उम्मीदवार उतारेंगे. गठबंधन से चाहे उन्हें जितनी भी सीटें मिले,लेकिन वो उन विधानसभा क्षेत्रो में अपने निर्दलीय उम्मीदवार उतारेंगे जहां -जहां से चिराग पासवान के उम्मदीवार मैदान में खड़े होंगे.

Chirag Paswan ने तोड़ी हमारी पार्टी – पशुपति पारस

अपने बड़े भाई स्वर्गीय राम विलास पासवान की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पटना के  पार्टी ऑफिस में आये पशुपति पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चिराग पासवान ने परिवार और पार्टी को तोड़ने का काम किया है. इसलिए इस के विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी  उन इलाकों पर भी रहेगी जहां से चिराग पासवान और इनकी पार्टी चुनाव लड़ रही होगी.

पशुपति पारस महागठबंधन के साथ लड़ेंगे चुनाव  

आपको बता दें लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए से टिकट ना मिलने के बाद पशुपति पारस ने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया था. कुछ समय पहले ही उन्होंने बताया कि वो अब महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. जानकार मान रहे है कि महागठबंधन में पशुपति पारस की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी को 2-3 सीटें मिल सकती है. ऐसे में पशुपति पारस ने दूसरा रास्ता सोच लिया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से उन्हें चाहे जितनी भी सीटें मिलें, लेकिन वो चुनाव उन सभी क्षेत्रों मे लड़ेंगे, जहा-जहां से चिराग पासवान की दावेदारी होगी.

एनडीए से अपमानित होने के बाद पशुपति ने छोड़ा था गठबंधन 

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यू के बाद 2021 में पार्टी पर दावेदारी को लेकर चाचा  पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान आमने सामने गये थे. झगड़ा इतना बढ़ा कि पार्टी दो धड़े में बंट गई. पार्टी ने दो गुटों के लिए अलग-अलग नाम और प्रतीक जारी कर दिये. चिराग का गुट अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के रूप में दर्ज है,  वहीं, पशुपति गुट ने राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी बना ली.

बंटवारे के समय लोजपा (LJP) के 6 सांसदों में पांच सांसद पशुपति के साथ हो गए थे.लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में रहते हुए भी उन्हें अपने परंपरागत हाजीपुर सीट से टिकट नहीं मिला, वहीं ये टिकट उनके भतीजे चिराग पासवान के मिल गया. चिराग पासवान को एनडीए ने बिहार में लोकसभा के पांच टिकट दिये, चिराग ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए पांचों सीटों पर जीत दर्ज की.

लोकसभा में टिकट ना मिलने के बाद पशुपति कुमार पारस ने एनडीए से दूरी बना ली और अप्रैल 2025 में साफ कर दिया कि अब उनकी पार्टी बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए का घटक नहीं रहेगी.अब देखना दिलचस्प होगा कि जिस तरह से पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने कम सीटें मिलने पर नीतीश कुमार को आसमान के तारे दिखा दिये थे , क्या उसी तरह इस बार पशुपति पारस  चिराग पासवान को झटका देंगे.

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