Parliamentary Committee On War : सोमवार को संसद की स्थाई समिति के सामने विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री, तुर्की के साथ भारत के संबंधों को साथ बीते दिनों हुए अलग-अलग कई मामलों की जानकारी दी.
Parliamentary Committee On War : ट्रंप के दावे सही नहीं ….
विदेश सचिव ने संसदीय समिति को बताया कि भारत- पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे सही नहीं हैं.इस दौरान संसदीय समिति ने मिस्री का परिवार पर हुए साइवर हमले को लेकर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया झूठा दावा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति के सामने सीजफायर लेकर कई अहम मुद्दों पर बात की, जानकारियां दी. बैठक के दौरान विपक्ष ने सवाल किया कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीजफायर को लेकर मध्यस्थत होने का दावा कर रहे थे, तब भारत उन्हें बार बार मंच पर आने ही क्यों दे रहा था?
विपक्ष से एक सदस्य ने पूछ लिया कि ट्रंप ने कई बार कश्मीर का जिक्र किया लेकिन सरकार चुपचाप बैठी थी, ऐसा क्यों ?
भारत पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनो देशो के रिश्ते 1947 से ही खराब रहे हैं, इसके बावजूद दोनो देशो के डायरेक्टर जेनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) के स्तर पर बात होती रहती है. विदेश सचिव ने साफ तौर स कहा कि दोनो देशों के बीच जो लड़ी चल रही थी वो पारंपरिक हथियारों से ही हो रही थी, पाकिस्तान की तरफ से किसा भी समय न्यूक्लियर हमले की धमकी नहीं दी गई.
तुर्की से हमारे संबंध कभी बुरे नहीं रहे’
भारत पाक लड़ाई क दौरान तुर्की के व्यवहार को लेकर भी सवा उठे जिसपर विदेश सचिव न कहा कि ‘तुर्की से कभी हमारे रिश्ते बुरे नहीं रहे हैं, लेकिन हम कोई करीबी दोस्त भी नहीं हैं.
भारत पाक लड़ाई में क्या चीनी हथियार इस्तेमाल हुए?
बैठक के दौरान विपक्ष के कुछ सदस्यों ने ये भी पूछा कि लड़ाई के दौरान क्या चीनी हथियार भी इस्तेमाल हुए ? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि किसने क्या हथियार इस्तेमाल किया, इससे फर्क नहीं पड़ता है, हमने उनके एयरबेस तबाह किये , ये महत्वपूर्ण है. सदस्यों ने ये भी पूछा कि भारत के कितने विमान इस संघर्ष के दौरान खर्च हो गये इस पर विदेश सचिव ने कहा कि ये सुरक्षा से जुड़ा मामला है इसलिए इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ कहना ठीक नहीं हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के गलत तरीके से समझा गया
बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान के जानकारी देने के मामले में दिये गये विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर सवाल पूछा, जिसका जवाब देते हुए विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. सरकार ने पाकिस्तान को साफ कर दिया था कि भारत केवल पकिस्तान के आतंकी ठिकानों को टारगेट करेगा .