लोकसभा की कार्रवाई जब 2 बजे फिर शुरु हुई तो किरिट प्रेमजी भाई सोलंकी सभापति की कुर्सी पर बैठे और उन्होंने सबसे पहले ये घोषणा की कि सांसदों की तरफ से दिए गए सभी नोटिस को सभापति ओम बिरला ने रद्द कर दिया है. इसके बाद एक के बाद एक मंत्रियों ने कार्यसूची में शामिल आइटम के प्रपत्र सदन के पटल पर रखना शुरु किया. इस दौरान दोनों तरफ से नारेबाजी हो रही थी. हलांकि सत्ता पक्ष की तरफ से राहुल गांधी माफी मांगो के नारे साफ सुनाई दे रहे थे. एक बार मंत्रियों ने अपने पेपर सभा के पटल पर रख दिए उसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी.
विपक्ष ने लगाया सरकार पर सदन नहीं चलने देने का आरोप
इस बीच विपक्ष ने सरकार पर सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अडानी मामले पर कहा कि, “13 मार्च से जो ड्रामा चल रहा है, वो बिना प्रधानमंत्री के इशारे के नहीं हो सकता. आज एक बार फिर संसद को चलने नहीं दिया गया. हम क्या मांग रहे हैं? आजादी के बाद सबसे बड़े घोटाले की सिर्फ एक जेपीसी जांच.”
वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “उन्हें(BJP) डर है कि अगर जेपीसी जांच होगी तो अडानी और केंद्र सरकार के बीच की सांठगांठ का पर्दाफाश हो जाएगा और असली अपराधी लोगों के सामने आ जाएगा.”
सुबह क्या हुआ था
वहीं सोमवार सुबह जब लोकसभा और राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही शुरु हुई तब पक्ष और विपक्ष की ओर से फिर नारेबाजी हुई. लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रश्न काल के बाद जो सदस्य नोटिस देंगे और अगर वो कानूनी रुप से सही हुआ तो वह उन सदस्यों को बोलने देंगे. लेकिन जब नारेबाजी जारी रही तो उन्होंने सदन को 2 बजे तक स्थगित कर दिया था.
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