ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी बिहार में महागठबंधन Mahagatbandhan के साथ चुनाव लड़ना चाहती है. उसने इस सिलसिले में तेजस्वी यादव को पत्र भी लिखा है.
ओवैसी ने कहा कि वो बीजेपी को हराना चाहते हैं. लेकिन अब फैसला तेजस्वी के हाथ में है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो बिहार के लोग देखेंगे कि कौन भाजपा को सफल बनाना चाहता है और कौन उन्हें रोकना चाहता है.
AIMIM महागठबंधन से 6 सीट की कर रही है मांग
किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा कि अख्तरुल ईमान ने यादव से कहा कि एआईएमआईएम नवंबर में होने वाले चुनाव में 243 में से छह सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है.
इस गठबंधन में फिलहाल आरजेडी सबसे बड़ी सहयोगी है, कांग्रेस दूसरे नंबर पर है, और कई अन्य दल भी इसमें शामिल हैं.
बिहार चुनाव पर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अख्तरुल ईमान ने यहां के नेता प्रतिपक्ष (तेजस्वी यादव) को एक पत्र लिखा है और हमने मीडिया के माध्यम से कहा है कि AIMIM गठबंधन के लिए तैयार है. अख्तरुल ईमान ने यह भी लिखा है कि वे हमें 6 सीटें दे सकते हैं. यह तय करना उनके हाथ में नहीं है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो बिहार के लोग देखेंगे कि कौन भाजपा को सफल बनाना चाहता है और कौन उन्हें रोकना चाहता है. इसलिए, फैसला बिहार के लोगों को करना है. हमने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है…”
#WATCH किशनगंज, बिहार: बिहार चुनाव पर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अख्तरुल ईमान ने यहां के नेता प्रतिपक्ष (तेजस्वी यादव) को एक पत्र लिखा है और हमने मीडिया के माध्यम से कहा है कि AIMIM गठबंधन के लिए तैयार है। अख्तरुल ईमान ने यह भी लिखा है कि वे हमें 6 सीटें दे… pic.twitter.com/pSGlqaQlYb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2025
5 दिन की ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ निकाल रहे है ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए 23 से 27 सितंबर तक बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पाँच दिवसीय न्याय यात्रा पर हैं.
एएनआई के अनुसार, किशनगंज में एक रैली में उन्होंने कहा, “पिछले 60 सालों से सीमांचल के लोगों का भाग्य पटना में बैठा कोई व्यक्ति तय कर रहा था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सीमांचल के लोग खुद फैसला करेंगे.”
जानकारी के मुताबिक , ओवैसी किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में 24 से ज़्यादा जनसभाएँ करेंगे. इस अभियान से क्षेत्र में पिछड़ेपन, अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी को उजागर करने की उम्मीद है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ओवैसी सबसे पहले 2020 में एआईएमआईएम द्वारा जीती गई पाँच सीटों पर अपना आधार मज़बूत करने के लिए ध्यान केंद्रित करेंगे, भले ही 2022 में चार विधायक राजद में शामिल हो गए हों.
एआईएमआईएम ने 2015 में सीमांचल के रास्ते बिहार की राजनीति में कदम रखा था और 2019 के उपचुनाव में क़मरुल होदा ने किशनगंज सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर अपना खाता खोला था.
पार्टी ने 2020 में पाँच सीटें जीतकर राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चौंका दिया था, जिससे सीमांचल के 24 निर्वाचन क्षेत्रों में राजद केवल एक पर सिमट गया था, जहाँ मुसलमानों की आबादी 40-70% है.
लेकिन 2022 तक, इसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए, जिससे इस क्षेत्र में राजद के विधायकों की संख्या बढ़कर पाँच हो गई.
ओवैसी बिहार में Mahagatbandhan से गठबंधन के लिए बेताब ?
वैसे 2025 विधानसभा चुनाव में ओवैसी महागठबंधन के साथ लड़ना चाहते है. वह लालू यादव के दरवाज़े पर ढोल लेकर भी पहुंचे थे. महागठबंघन में शामिल होने के सवाल पर AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर लड़ना चाहिये. AIMIM का कहना है कि कोई भी अकेली पार्टी सांप्रदायिक ताकतों को नहीं हरा सकती. महागठबंधन ने अगर मिलकर चुनाव नहीं लड़ा तो वोटों का बंटवारा होगा और सांप्रदायिक ताकतों को फायदा. हमने कई बार गठबंधन के लिए राजद के पास प्रस्ताव भेजा, लेकिन अनसुना कर दिया गया. हम केवल 6 सीट मांग रहे हैं , कोई मंत्रालय नहीं.. आरजेडी द्वारा उनके चार विधायकों को तोड़कर अपने पाले में करने की बात का जिक्र करते हुए अख्तरुल ईमान ने कहा कि बिहार राज्य से सांप्रदायिक शक्तियों को हारने के लिए हम इतने गंभीर हैं कि हमारे सीने पर खंजर घोंपा गया फिर भी हम उनसे हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं, वह नुकसान हमें हुआ है, लेकिन हम बिहार की जनता को नुकसान नहीं होने देना चाहते हैं. इमान का कहना है कि बिहार में अगर उनकी पार्टी को महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया तो मुसलमानों के वोट बंट जायेगा और सभी का नुकसान हो जायेगा.
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