वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पेश किया है. नए विधेयक का उद्देश्य भारत में कर कानूनों में इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली को सरल बनाना है, जिससे करदाताओं के लिए टैक्स का भुगतान करना और रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाएगा.
संसद में हंगामे के बीच जैसे ही निर्मला सीतारमण ने विधेयक पेश किया. जिसके बाद विपक्ष के कई सांसद सदन से बाहर चले गए. यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने सांसदों ने सत्र से बाहर चले गए.
New Income Tax Bill: विपक्ष ने जताई आपत्ति
केरल के कोल्लम से विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन द्वारा नए विधेयक में 1961 के पिछले आयकर अधिनियम की तुलना में अधिक धाराएं होने पर उठाई गई आपत्ति पर बोलते हुए सीतारमण ने कहा, “उन्हें समझना चाहिए कि आज कानून कहां है और इसे कहां कम किया जा रहा है.”
सीतारमण ने कहा, “आयकर अधिनियम मूल रूप से 1961 में बनाया गया था और 1962 में लागू हुआ था. उस समय, इसमें केवल 298 धाराएं थीं…लेकिन समय बीतने के साथ…कई और धाराएं जोड़ी गईं. आज की स्थिति के अनुसार, इसमें 819 धाराएं हैं.” उन्होंने कहा, “उस 819 से, हम इसे घटाकर 536 कर रहे हैं. इसलिए उन्हें देखना चाहिए कि आज यह क्या है.”
विधेयक में किए गए बदलाव मैकेनिकल “यांत्रिक” हैं- सौगत रे
उन्होंने दावा किया कि 1961 के अधिनियम के लागू होने के बाद से इसमें 4,000 संशोधन किए गए हैं, जिन पर “अभी विचार किया जा रहा है”. टीएमसी सांसद प्रोफेसर सौगत रे की इस आपत्ति पर कि नए कर विधेयक में किए गए बदलाव मैकेनिकल “यांत्रिक” हैं, मंत्री ने जवाब दिया, “वे यांत्रिक बदलाव नहीं हैं. बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. शब्दों की संख्या आधी रह गई है. धाराएँ और अध्याय कम हो गए हैं. यह सरल अंग्रेजी और सरल हिंदी में है.”
विधेयक को सदन की समिति को भेजा जाएगा
सीतारमण ने यह भी सुझाव दिया कि नए आयकर विधेयक 2025 को नवगठित प्रवर सदन समिति को भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “समिति से संबंधित नियम और शर्तें [अध्यक्ष ओम बिरला] द्वारा तय की जाएंगी.” उन्होंने कहा कि समिति “अगले सत्र के पहले दिन” अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
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