पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ): इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के सियासी गलियारे से निकलकर सामने आ रही है, जहां एनडीए की सरकार ने तेजस्वी यादव और आरजेडी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. बिहार सरकार ने विभिन्न विभागों के मंत्री रहे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी कोटे के मंत्रियों को मिले विभागों की समीक्षा कराने का फैसला लिया है.
अपर सचिव ने पत्र लिख सभी विभागों को दी फैसले की जानकारी
अपर सचिव निशीथ वर्मा ने बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, सरकार के अपर सचिव, अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, स्वास्थ्य विभाग / पथ निर्माण विभाग / नगर विकास एवं आवास विभाग / ग्रामीण कार्य विभाग / खान एवं भूतत्व विभाग / लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण को लिखे एक पत्र में इस आदेश की जानकारी दी है. 16 फरवरी को विभाग द्वारा लिये निर्णयों की समीक्षा के संबंध में लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, “दिनांक 01.04.2023 से स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में पूर्व मंत्री जी के स्तर पर किये गये कार्यों एवं लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जाए तथा यदि आवश्यक हां तो सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन के उपरान्त उनमें संशोधन किया जाए. इस संबंध में माननीय विभागीय मंत्री को संबंधित आदेशों की जानकारी दी जाए एवं माननीय मंत्री से आवश्यक निदेश प्राप्त किया जाए.“

विधानसभा में सीएम और डिप्टी सीएम ने किया था भ्रष्टाचार की जांच का एलान
बिहार की सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बने सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव और आरजेडी कोटे के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनके विभागों की सभी फाइलों को खोलने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि किसी को नहीं बख्शा जाएगा और सभी की फाइल खोली जाएगी.
सम्राट चौधरी के बाद विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के मंत्रियों और तेजस्वी यादव पर कमाई करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा था कि ये लोग कमाई करने लगे थे इसलिए साथ छोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने सदन में ऐलान किया था कि वे सभी चीजों की जांच कराएंगे.
ये भी पढ़ें-Lalu Yadav: सीएम नीतीश के फिर महागठबंधन में आने के सवाल पर बोले लालू…