Netherlands S Jaishankar : पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब भारत के राजनेता दुनिया के देशों को पाकिस्तान की सच्चाई से रुबरु करा रहे हैं. इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस जयशंकर यूरोप के तीन देशों की यात्रा कर रहे हैं और इस समय नीदरलैंड्स पहुंचे हैं. हलांकि यहां प्रधानमंत्री मोदी को जाना था लेकिन भारत पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए पीएम मोदी की जगह पर विदेश मंत्री जयशंकर नीदरलैंड्स गये हैं. नीदरलैंड्स में एस जयशंकर ने वहां ने पत्रकारों से बात किया और भारत पाकिस्तान से जुड़े कई मुद्दों पर भारत के रुख से दुनिया को अवगत कराया. विदेश मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की भी चर्चा की
Netherlands S Jaishankar – भारत की पीठ थपथपाई जानी चाहिये
विदेशमंत्री ने नीदरलैंड्स के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत ने आतंक के खिलाफ जो सैन्य कार्रवाई की है, उसके लिए वो प्रशंसा का पात्र है. ऑपरेशन सिंदूर चलाने वाले भारत की पीठ थपथपाई जानी चाहिए.
एस जयशंकर ने सीजफायर को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि सीजफायर एक अस्थाई समाधान है. भारत पाकिस्तान के साथ संघर्ष का स्थाई समाधान करना चाहता है. हमारा देश आतंकवाद का निर्णायक अंत करना चाहता है. विदेश मंत्री ने कहा कि फिलहाल सीजफायर के कारण भारत सैन्य कार्रवाई नहीं कर रहा है लेकिन अगर पाकिस्तान से आतंकी हमले जारी रहते हैं तो फिर उन्हे इसका खामियाजा भी भुगतना होगा. ये बात पाकिस्तानियो को समझनी होगी.
विदेश मंत्री से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि आपने कहा कि पाकिस्तान आंतक का केंद्र है , इस पर एस जयशंकर ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि – मान लीजिए, एम्सटर्डम जैसे शहर के बीचोबीच कोई बड़ा सैनिक केंद्र हो, जहां हजारों लोगों को मिलिट्री ट्रेनिंग मिल रही हो , क्या आप कहेंगे कि इसके बारे में आपकी सरकार को कोई जानकारी नहीं होगी. ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता.
हम इस धारणा को नहीं मान सकते कि पाकिस्तान में जो आतंकी कैंप चल रहे हैं , उनके बारें में पाकिस्तान सरकार को कोई जनकारी नहीं है.यूनाइटेड नेशन की तरफ से प्रतिबंधित सबसे कुख्यात आतंकियों की सूची में पाकिस्तान के आतंकी पहले नंबरों पर हैं. ये आतंकी पाकिस्तान के बड़े-बड़े शहरों से खुलेआम आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट करते हैं. तो ऐसे में ये नहीं समझे कि पाकिस्तान को कुछ नहीं पता है या पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है. पाकिस्तान की सेना इन आतंकी गतिविधियों में सिर से लेकर पैर तक डूबी हुई है.
भारत किसी दूसरे देश की मध्यस्थता मानेगा ?
विदेश मंत्री से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या भारत कश्मीर के मुद्दे पर अंतराष्ट्रीय मध्यस्था को स्वीकार करेगा, इसपर उन्होंने साफ साफ कहा कि ये द्विपक्षीय मामला है. इसे भारत और पाकिस्तान मिलकर ही सुलझायेंगे. पत्रकारो ने ये भी पूछा कि क्या भारत ट्रंप की मध्यस्थता मानेगा ? इस पर जयशंकर ने कहा कि ये दो देशों का मामला है , इसे हम खुद ही सुलझायेंगे.