Waqf amendment bill: बुधवार को संसद के निचले सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर केंद्र और विपक्षी दलों के बीच भारी टकराव के बाद, गुरुवार की सुबह लोकसभा में विधेयक पारित हो गया. 288 सांसदों ने इसके पक्ष में और 232 ने इसके खिलाफ मतदान किया, जिसके बाद विधेयक पारित हो गया. 12 घंटे तक चली बहस में विपक्ष और केंद्र के बीच विधेयक को लेकर तीखी नोकझोंक देखने को मिली. विपक्ष का मानना है कि यह विधेयक “असंवैधानिक” और “मुस्लिम विरोधी” है, जबकि केंद्र का कहना है कि वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार लाना जरूरी है.
Waqf amendment bill: राज्यसभा में होगा एनडीए बनाम विपक्ष का टकराव
आज राज्यसभा में विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस होगी. यहां भी एनडीए और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिलेगा.
वहीं गुरुवार के सत्र में लोकसभा में नए लगाए गए अमेरिकी पारस्परिक शुल्क के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस पार्टी प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में अमेरिकी पारस्परिक शुल्क का मुद्दा उठाएगी.
वक्फ संशोधन विधेयक के मुख्य बिंदु
अगस्त 2024 में लोकसभा में पेश किया गया यह विवादास्पद विधेयक वक्फ अधिनियम के प्रावधानों में 40 संशोधनों का प्रस्ताव करता है. वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करना है.
संशोधनों में वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व और भारत के वक्फ बोर्डों के विनियमन और शासन में व्यापक बदलाव जैसे संशोधनों का सुझाव दिया गया है. हलांकि इससे पहले भी मुसलिम महिलाओं के वक्फ बोर्डों में सामिल होने पर कोई पावंदी नहीं थी.
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्डों के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा. वर्तमान में, वक्फ बोर्ड के अधिकांश सदस्य निर्वाचित होते हैं, लेकिन एक बार जब नया विधेयक औपचारिक रूप से कानून बन जाएगा, तो सभी सदस्यों को सरकार द्वारा नामित किया जाएगा.
1995 के अधिनियम के अनुसार, वक्फ का अर्थ है “इस्लाम में पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए चल या अचल संपत्ति का स्थायी समर्पण.”
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