सोमवार को मुजफ्फरनगर Muzaffarnagar में स्कूली छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आज (सोमवार) यूपी सरकार को आदेश दिया कि वो बच्चे के अभिभावकों के पसंद के स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराये. Muzaffarnagar के इस ममले पर सुप्रीम कोर्ट में अगले सुनवाई शुक्रवार होगी.
Muzaffarnagar मामले में अब तक क्या हुआ है?
इससे पहले कोर्ट उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक निजी स्कूल में अपने शिक्षक के निर्देश पर साथी छात्रों के सात वर्षीय लड़के को कथित तौर पर थप्पड़ मारने की घटना की जांच पर “गंभीर आपत्ति” जताई थी. कोर्ट ने अलग अलग तारीखों पर सरकार के रवैये पर भी नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर की सुनवाई में पीड़ित बच्चे को घर पर ही विशेषज्ञ एजेंसी से काउंसलिंग करने पर विचार किया था. कोर्ट ने शिक्षा विभाग से पूछा था “बच्चा बहुत सदमे में है. क्या आप उम्मीद करते हैं कि वह परामर्श केंद्र आएगा?”
इससे पहले कोर्ट इस मामले में देर से एफआईआर दर्ज होने पर भी नाराजगी जता चुका है साथ ही उसने जांच की निगरानी एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से कराने के भी आदेश दिए हुए है.
Muzaffarnagar का क्या है मामला ?
इसी साल 24 अगस्त को य़ूपी के मुजफ्फरनगर के निजी स्कूल चलाने वाली तृप्ता त्यागी नाम की महिला ने स्कूल में एक मासूम बच्चे को केवल इसलिए पिटवाया कि उसने 5 का पहाड़ा (TABLE) याद नहीं किया था. शिक्षिका ने बच्चे को पहाड़ा याद करने के लिए कहा था लेकिन बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह पहाड़ा याद करके नहीं आया था. महिला शिक्षक ने क्रूरता की हद पार करते हुए 7 साल के बच्चे को उसकी ही उम्र के दूसरे बच्चों से पिटवाया. इसके साथ ही बच्चे के धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की.
‘शिक्षिका ने दूसरे बच्चों को जोर देकर कहा कि उसके चेहरे पर ज्यादा मत मारो, लाल हो जायेगा, कमर पर मारो.. एक बच्चे से कहा कि इतना धीरे क्यों मार रहे हो, जोर से मारो, कमर पर मारो ‘. वीडियो में शिक्षिका किसी से बात करती नजर आ रही है, वो इस बच्चे और उसके धर्म के प्रति आपत्तिजनक शब्द भी बोल रही है.
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