1 जुलाई यानी शनिवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी कि, संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि मानसून सत्र 23 दिनों का होगा और इसमें 17 बैठकें होंगी.
मानसून सत्र को लेकर सबसे ज्यादा जो चर्चा है वो है यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर, ये माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में यूसीसी को पेश कर सकती है. इस बीच 3 जुलाई को कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी भी समान नागरिक संहिता पर चर्चा करेगी.
कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई
संसद के मानसून सत्र के एलान के साथ ही जिल्ली में शनिवार को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई. बैठक UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपत हुई. माना जा रहा है कि इस बैठक में यूसीसी को लेकर भी चर्चा हुई और कांग्रेस ने यह तय किया कि इस मुद्दे पर कैसे विपक्षी एकता बनाई रखी जा सकें
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस नेता कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक के लिए UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपत पहुंचे।
कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति 3 जुलाई को समान नागरिक संहिता पर चर्चा करेगी। pic.twitter.com/aiGAAYjy2X
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2023
यूनिफॉर्म सिविल कोड जब भी आएगा हम इसका समर्थन करेंगे- विक्रमादित्य सिंह
वहीं, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अलग-अलग बयान भी आने लगे है. हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, “यूनिफॉर्म सिविल कोड जब भी आएगा हम इसका समर्थन करेंगे. कांग्रेस पार्टी ने हमारे देश में एकता और अखंडता को आगे ले जाने में हमेशा योगदान दिया है.”
बीजेपी के सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने किया यूसीसी का विरोध
यूसीसी को लेकर अबतक बीजेपी विपक्षी दलों पर निशाना साध रही थी लेकिन मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के बयान सामने आने के बाद यूसीसी उसके लिए भी मुश्किल खड़ी कर सकता है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एनपीपी, एक पार्टी के रूप में, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को स्वीकार नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुछ चीजें लागू करना चाहती है। हम किसी भी ऐसी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे जो मेघालय के लोगों, यहां की संस्कृति और जीवन को प्रभावित करती हो।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा है कि नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन नहीं करती है। मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीपी, एक पार्टी के रूप में, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को स्वीकार नहीं करेगी। वे पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि, “हम किसी भी ऐसी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे जो मेघालय के लोगों, यहां की संस्कृति और जीवन को प्रभावित करती हो.” मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी का मतलब होगा कि संपत्ति बच्चों को कैसे हस्तांतरित की जाएगी. उन्होंने कहा कि, “देश के बहुत से हिस्सों में संपत्ति सबसे बड़े बेटे के नाम होती है. लेकिन मेघालय कई जनजातियों में वह अधिकार सबसे छोटी बेटी के पास होती है. हम एक राज्य और पार्टी के रूप में, जो राज्य की सांस्कृतिक प्रथाओं को बदल दे, उसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते.”
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