मंगलवार यानी 7 नवंबर को मिजोरम के निवासी अपनी अगली सरकार चुनने के लिए वोट डालेंगे. यहां 40 विधानसभा सीटों के लिए 174 उम्मीदवार मैदान में हैं. अगर बात मुकाबले की करें तो इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस बार लड़ाई मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम), और कांग्रेस के बीच है.
सीएम ज़ोरमथांगा की एमएनएफ बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) का हिस्सा है और केंद्र में एनडीए की सहयोगी भी.
50,611 मतदाता 18-19 वर्ष के हैं
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, मिजोरम के अनुसार, मंगलवार को 1276 मतदान केंद्रों पर 4,13,064 पुरुष और 4,39,028 महिला मतदाताओं सहित कुल 8,52,088 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
चुनाव आयोग ने राज्य के 30 मतदान केंद्रों को क्रिटिकल मतदान केंद्रों के रूप में चिन्हित किया है. आयोग के मुताबिक मिजोरम में 18-19 आयु वर्ग के 50,611 मतदाता हैं जो पहली बार मतदान करेंगे. वहीं प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक उम्र के 8490 वरिष्ठ नागरिक हैं. मिजोरम चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होगी
सीटो की संख्या में किसकी कितनी है ताकत
बात अगर 2018 विधान सभा चुनाव की करें तो 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में मिजो नेशनल फ्रंट ने 2018 के चुनावों में जीत हासिल की थी. उसे 37.8% वोट शेयर के साथ 26 सीटें हासिल हुई थी. जबकि पांच साल पहले कांग्रेस ने पांच सीटें और बीजेपी ने एक सीट जीती थी. इस बार एमएनएफ, जेडपीएम और कांग्रेस ईसाई बहुल राज्य की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि भाजपा ने 21 उम्मीदवार उतारे हैं.