Thursday, April 24, 2025

Trump Tariffs: अमेरिका के आयात पर 26% टैरिफ लगाने का भारत पर क्या होगा असर, जानिए विशेषज्ञों राय

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बनने के बाद से ही जिस रेसिप्रोकल टैरिफ की बात कर रहे थे, आखिरकार 2 अप्रैल को उन्होंने इसकी घोषणा कर दी. इसके लिए ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में एक प्रेस कांफ्रेस किया जिसमें उन सभी देशों के लिए अमेरिकी सरकार के द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ यानी बदले में टैक्स लागने की घोषणा की जिसके साथ उनके व्यापार संबंध हैं. ट्रंप ने टैरिफ अनाउंस करने से पहले बाकायदा भूमिका बांधी, भारत का नाम लेने से पहले कई देशो के नाम लिये फिर भारत का नाम लेते हुए कहा कि इंडिया…. बहुत टफ है. इंडिया के प्रधानमंत्री जो मेरे दोस्त हैं और अभी-अभी यहां से गये है.. मैंने उन्हें कहा है कि आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं.

ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात पर लगाया 26% टैरिफ

भारत का नाम लेते हुए ट्रंप ने कहा कि वो हमारे ऊपर 52 प्रतिशत टैक्स लगाते हैं. तो हम अब उनके प्रोडक्ट पर आधा ही टैक्स लगा रहे हैं.
ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात पर 26% का टैरिफ लगाया है, जो यूरोपीय संघ के 20%, जापान के 24% और दक्षिण कोरिया के लिए लगाए गए 25% टैरिफ से के मुकाबले देखे तो सबसे ज्यादा है. हलांकि ट्रंप ने अपने व्यापारिक दुश्मन चीन से अपने देश में आने वाली वस्तुओं पर 34% का टैरिफ लगाया है. इससे पहले अमेरिका में चीनी सामान पर 20 प्रतिशत टैरिफ था. नया टैरिफ लगन के बाद अब अमेरिका में चीन के सामानों पर लगने वाला टैरिफ करीब 54 प्रतिशत हो जायेगा.
ट्रंप के इस रोसिप्रोकल टैरिफ के बाद दुनिया भार के बाजार में उथल पुथल मची हुई है.

भारत के बाज़ार पर क्या होगा Trump Tariffs का असर

अब आपको बता दें कि इस टैरिफ का भारत के व्यापार पर क्या असर होगा. अब भारत के व्यापारियों के लिए अमेरिकी बिजनेसमैन के साथ सौदा करना थोड़ा और मुश्किल हो जाएगा. ट्रंप के इस फैसले की वजह से अमेरिकी बाजार में भारत से आयातित सामानों की कीमत 26 फीसदी और महंगे हो जाएंगे. ट्रंप का ये नया टैरिफ भारतीय निर्यात को महंगा बना देगा, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय प्रोडक्ट्स के कम्पीट करने की क्षमता कम हो सकती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत पर इस फैसले का मिलाजुला प्रभाव पड़ सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने की रिपोर्ट के मुताबिक इस टैक्स से भारत को सालाना 7 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है. सबसे ज्यादा असर रासायनिक उत्पादों, धातु उद्योग, और आभूषणों पर पड़ेगा, इससे ऑटोमोबाइल, दवाइयां, और खाद्य उत्पाद भी प्रभावित हो सकते हैं.
हालांकि SBI Research और Goldman Sachs जैसे संस्थानों का मानना है कि भारत पर इसका सीमित प्रभाव होगा क्योंकि भारत अमेरिकी व्यापार पर पूरी तरह निर्भर नहीं है. इसके अलावा भारत नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश कर रहा है और घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

ट्रंप ने दिया भावुक भाषण

ट्रंप ने टैरिफ लगाने से पहले शानदार भूमिका बांधी और इमोशनल भाषण देते हुए इसे लिब्रेशन डे का नाम दिया. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के इताहास में 2 अप्रैल को 2025 को हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि ये वो दिन है जब अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ है. इस दिन पर हमने अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाना शुरू किया.

अमेरिकी टैरिफ के बीच एशियाई मुद्राओं समेत रुपये में दिखी गिरावट

गुरुवार को ट्रम्प के 26% टैरिफ़ के बाद भारतीय बाज़ार लाल निशान पर खुले. बीएसई 800 से ज़्यादा अंकों की गिरावट के साथ 75,811.12 पर खुला, जो 1.05 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 182.05 अंकों की गिरावट के साथ 23,150.30 पर खुला, जो 0.78 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापक पारस्परिक टैरिफ के कारण अधिकांश एशियाई मुद्राओं और इक्विटी में गिरावट के बावजूद गुरुवार को भारतीय रुपये ने उचित रूप से अच्छा प्रदर्शन किया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 0.16% गिरकर 85.6375 पर आ गया.

ये भी पढ़ें-Bengal teacher recruitment scam: बंगाल सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी को बरकरार रखा

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news