LokSabha 2024 Bihar लोकसभा 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर आज मतदान होने जा रहा है. 7 चरणों में होने वाले चुनाव का आज से पहला चरण शुरु हो रहा है.आज बिहार की 4 सीटों जमुई,औरंगाबाद, नवादा और गया में मतदान होने जा रहा है.
LokSabha 2024 Bihar जमुई में चिराग के जीजा और RJD की अर्चना रविदास के बीच मुकाबला
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जमुई की सीट का महत्व इस बात से समझिए की 4 अप्रैल को पीएम मोदी ने बिहार में Lok Sabha Election 2024 का प्रचार की शुरुआत यहीं से की थी. पीएम मोदी लोक जनशक्ति पार्टी राम विलास के सुप्रीमो चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती के लिए जमुई में वोट मांगेंगे पहुंचे थे. पीएम की इस जनसभा को लेकर तेजस्वी यादव ने निशाना साधा था और कहा था कि PM लगातार परिवारवाद के बारे में बोलते रहे हैं और वे अपनी पहली चुनावी जनसभा की शुरुआत ही परिवारवाद के उम्मीदवार के साथ कर रहे हैं. यहां एनडीए के मुकाबले इंडिया गठबंधन ने आरजेडी प्रत्याशी अर्चना रविदास पर भरोसा जताया है. अर्चना खुद को जमुई की बेटी बताती है. उनका कहना है कि जमुई बेटी और जमाई में चुनाव करेगा.
गया सीट पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं प्रत्याशी
जमुई की तरह गया लोकसभा सीट भी हैवीवेट सीट है. यहां से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी प्रत्याशी हैं. मांझी एनडीए के उम्मीदवार है और उन्हें मुकाबला देने इंडिया गठबंधन ने बिहार सरकार में मंत्री रहे कुमार सर्वजीत को उतारा है.
दोनों ही गठबंधन यहां अपनी अपनी पूरी ताकत लगा रहे है. जहां गया में तेजस्वी यादव ने इंडिया गठबंधन के लिए वोट मांगे तो मंगलवार 16 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीतन राम मांझी के समर्थन में यहां रैली की थी.
औरंगाबाद में बीजेपी के सुशील कुमार का राजद के अभय से मुकाबला
वहीं बात अगर औरंगाबाद लोकसभा सीट की करें तो यहां बीजेपी के टिकट पर सुशील कुमार सिंह चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं,जबकि उनके मुकाबले के लिए आरजेडी ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है. अभय पहले जेडीयू में थे और ठीक चुनाव के पहले पार्टी बदलकर आरजेडी में शामिल हो गए.
नवादा में त्रिकोणीय मुकाबला
बात अगर नवादा विधानसभा सीट की करें तो यहां निर्दलीय प्रत्याशी के होने से लड़ाई त्रिकोणीय होने की उम्मीद की जा रही है.यहाँ एनडीए ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को मैदान में उतारा है ,वहीं राजद से यहां पहले विनोद यादव को टिकट देने की चर्चा थी लेकिन आखिरी मौके पार्टी ने श्रवण कुमार को टिकट दे दिया. जिससे नाराज़ विनोद यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. आरजेडी की यहां मुश्किल तब और बढ़ गई जब विनोद यादव को नवादा और रजौली से आरजेडी विधायक का साथ मिल गया और मुकाबला त्रिकोणीय हो गया.