Thursday, April 24, 2025

Lateral entry ad cancelled: लेटरल एंट्री पर सरकार का यू टर्न, UPSC अध्यक्ष से लेटरल एंट्री के लिए दिया विज्ञापन रद्द करने को कहा

Lateral entry ad cancelled: मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार लैटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने के लिए पत्र लिखा. यूपीएससी ने पिछले शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया था – 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव – जिन्हें अनुबंध के आधार पर पार्श्व प्रवेश मोड के माध्यम से भरा जाना है. इस योजना का उद्देश्य सरकारी विभागों में विशेषज्ञों (निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों सहित) की नियुक्ति करना है.

Lateral entry ad cancelled: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पत्र में क्या लिखा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के यूपीएससी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा गया है, “2014 से पहले अधिकांश प्रमुख लेटरल एंट्री तदर्थ तरीके से की गई थीं, जिसमें कथित पक्षपात के मामले भी शामिल हैं, हमारी सरकार का प्रयास प्रक्रिया को संस्थागत रूप से संचालित, पारदर्शी और खुला बनाने का रहा है.” इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि, “प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया को हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में.”

विपक्ष और एनडीए के सहयोगियों ने किया था विरोध

यह कदम भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान द्वारा सोमवार को आरक्षण प्रदान किए बिना सरकारी पदों पर कोई भी नियुक्ति करने पर चिंता व्यक्त करने के एक दिन बाद उठाया गया है, क्योंकि लेटरल एंट्री पर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर “हमला” है. सोमवार को एक्स पर लिखे एक पोस्ट में नेता विपक्ष ने लिखा है कि, “लैटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है. बीजेपी का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है.“

Lateral entry क्या है?

भारतीय नौकरशाही में लेटरल एंट्री की शुरुआत 2018 में की गई थी. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से पारंपरिक भर्ती के विपरीत, लेटरल एंट्री निजी क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों के अनुभवी पेशेवरों को वरिष्ठ स्तरों पर सरकार में शामिल होने की अनुमति देती है. इस दृष्टिकोण का उद्देश्य नौकरशाही में विविध विशेषज्ञता लाना है, जिससे इसकी दक्षता बढ़े.
लेटरल एंट्री प्रक्रिया यूपीएससी परीक्षा के सामान्य चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार को दरकिनार कर देती है और इसके बजाय चयन के लिए पूरी तरह से साक्षात्कार पर निर्भर करती है. इस पद्धति को शुरू में 2018 में नौ संयुक्त सचिव पदों के लिए लागू किया गया था.

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