Kunal Kamra controversy: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की शिवसेना प्रमुख एकांत शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से उपजे विवाद पर सोमवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी ‘देशद्रोही’ को ‘गद्दार’ कहना गलत नहीं है.
‘गद्दार’ को ‘गद्दार’ कहना किसी पर हमला नहीं है…- उद्धव ठाकरे
एएनआई के अनुसार उद्धव ठाकरे ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है. ‘गद्दार’ को ‘गद्दार’ कहना किसी पर हमला नहीं है… पूरा गाना (कुणाल कामरा के शो से) सुनें और दूसरों को भी सुनाएँ.”
#WATCH | On Kunal Kamra row and vandalism by Shiv Sena (Shinde faction) workers, Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray says, “I don’t think Kunal Kamra said anything wrong. Calling ‘gaddar’, a ‘gaddar’ is not an attack on anyone…Hear the full song (from Kunal Kamra’s show) and… pic.twitter.com/MKZAs8N90T
— ANI (@ANI) March 24, 2025
जिनके खून में ‘गद्दारी’ है, वे कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते- उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का मुंबई के खार इलाके में यूनिकॉन्टिनेंटल होटल में हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ से कोई लेना-देना नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने कहा, “शिवसेना का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है, यह ‘गद्दार सेना’ द्वारा किया गया है…जिनके खून में ‘गद्दारी’ है, वे कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते.”
क्या है Kunal Kamra controversy?
मुंबई के खार इलाके में यूनिकॉन्टिनेंटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में प्रस्तुति देते हुए कामरा ने शिंदे को ‘देशद्रोही’ बताया और उनकी नकल भी की. रविवार की रात को कई शिवसेना कार्यकर्ता स्टूडियो में गए और वहां तोड़फोड़ की.
सोमवार को मुंबई पुलिस ने शिवसेना के युवा धड़े, युवा सेना के 11 सदस्यों को स्टैंड-अप शो के आयोजन स्थल हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया.
पुलिस ने बताया कि युवा समूह ने दूसरे कॉमेडियन के शो के बीच में कॉमेडी क्लब पर धावा बोल दिया, जिससे शो रुक गया और फिर उस जगह पर तोड़फोड़ की, जहां कामरा का विशेष कार्यक्रम फिल्माया जा रहा था.
इस बीच, शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने पार्टी सुप्रीमो एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी के लिए कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और सख्त कार्रवाई की मांग की.
एकनाथ शिंदे ने 2002 में शिवसेना को विभाजित कर दिया था और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिरा दिया था। बाद में भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने उनके गुट के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे उन्हें शिवसेना का आधिकारिक नाम और चुनाव चिन्ह मिल गया.
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