कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र में विपक्ष की तरफ से 9 मुद्दों की लिस्ट दी है जिसपर वो चर्चा चाहते है. सोनिया गांधी के पत्र में महंगाई, बेरोज़गारी से लेकर मणिपुर, हरियाणा की हिंसा और अडानी घोटाले का भी जिक्र है. सोनिया गांधी ने अपने पत्र में नाराज़गी भी जताई है कि सरकार ने विपक्ष के साथ विशेष सत्र बुलाने से पहले न उसकी चर्चा की और न अब उसे विशेष सत्र का एजेंडा ही बताया जा रहा है.
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में उठाए 9 मुद्दे
कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सोनिया गांधी के इस पत्र को पोस्ट किया है. कांग्रेस ने पत्र को पोस्ट करते हुए लिखा है. “यहां सीपीपी अध्यक्ष श्रीमती का पत्र है. सोनिया गांधी जी ने पीएम मोदी से उन मुद्दों को संबोधित किया जिन पर पार्टी आगामी विशेष संसदीय सत्र में चर्चा करना चाहती है.”
![CPP Chairperson Sonia Gandhi’s letter to PM Modi on special parliamentary session.](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/09/sonia1-212x300.jpg)
![CPP Chairperson Sonia Gandhi’s letter to PM Modi on special parliamentary session.](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/09/sonia2-213x300.jpg)
पत्र हिंदी में पढ़ें-
“आपने 18 सितंबर, 2023 से संसद का विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है. मुझे यह बताना होगा कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के परामर्श के बिना बुलाया गया है. हममें से किसी को भी इसके एजेंडे का अंदाज़ा नहीं है. हमें बस इतना बताया गया है कि सभी पांच दिन सरकारी कामकाज के लिए आवंटित कर दिए गए हैं. हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का अवसर मिलेगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा.
ये हैं:
1. वर्तमान आर्थिक स्थिति खास कर आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई पर संकट.
2. एमएसपी और उनके द्वारा उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार द्वारा किसानों और किसान संगठनों से की गई प्रतिबद्धता.
3. तमाम खुलासों के मद्देनजर अडानी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग.
4. मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना.
5. हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि.
6. चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्ज़ा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती.
7. जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता.
8. केंद्र-राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान.
9. कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव.
मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा.”
आपको बता दें संसद के विशेष सत्र की रणनीति बनाने के लिए पहले मंगलवार दोपहर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई थी और फिर शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर इंडिया गठबंधन के सहयोगियों की.
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