Sunday, June 1, 2025

KedarnathDham : शंकराचार्य को मिला ओपन चैलेंज-साबित करें सोना चोरी का आरोप

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KedarnathDham : ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से 228 किलो सोना गायब होने का  सनसनीखेज आरोप पर अब  उन्हें ओपन चैलैंज मिला है . बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शंकराचार्य को अपने आरोपों को साबित करने के लिए ओपन चैलेंज दिया है. बीकेसीटी की तरफ से ये बयान आया है कि स्वामी अविमुक्तेशवरानंद को अनावश्यक विवाद खड़ा करने और केदारनाथ की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है. अगर  शंकराचार्य कांग्रेस का एजेंडे आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

KedarnathDham को बदनाम करने का किसी को अधिकार नहीं- बीकेटीसी 

बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करता हूं लेकिन ये अब उनकी आदत हो गई है कि वो दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं. विवाद खड़ा करना और  सनसनी फैलानाकर खबरों में बने रहना  अब उनकी आदत हो गई है.’

सोना गायब होने  का आरोप निराधार- बीकेटीसी 

बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा केदारनाथ धाम से सोना गायब होन के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि सोना गायब होने का उनका दावा दुर्भाग्यपूर्ण है. ‘मैं स्वामी से आग्रह करता हूं और चुनौती भी देता हूं कि वो तथ्यों और सबूतों को सामने लाएं. अजेंद्र अजय ने कहा कि अगर उन्हें राज्य सरकार और  अधिकारियों पर भरोसा नहीं है, तो उनको सबूतों के साथ सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए, जनहित याचिका दायर करनी चाहिए और जांच की मांग करनी चाहिए.उन्हें अधिकारियों के पास जाना चाहिए अपने आरोपो का साबित करन के लिए सबूत पेश करना चाहिए, साथ ही जांच की भी मांग करनी चाहिए.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह में केवल 23 किलो सोना लगा है- बीकेटीसी   

बदरी-केदार मंदिर समिति ( BKTC )  के अध्यक्ष  अजेंद्र अजय ने कहा कि अगर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अपने लगाये आरोपों को साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें बेवजह विवाद खड़ा करने और केदारनाथधाम की गरिमा को क्षति पहुंचाने का अधिकार नहीं है. सोना विवाद पर BKTC अध्यक्ष ने कहा  कि  “केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने में प्रदेश सरकार और मंदिर समिति का कोई योगदान नहीं है. जिस दाता ने मंदिर को स्वर्ण मंडित किया है, उन्होंने अपने ज्वैलर के जरिए केदारनाथ मंदिर में सोना पहुंचाया था और वही सोना गर्भगृह में लगा हुआ है, दान दाता ने 23 किलो ग्राम सोना दान में दिया था.उसके सपोर्ट में लगाई गई तांबे की परतों का वजन 1000 किलो के करीब है. जिस दानदाता ने केदारनाथ को स्वर्ण मंडित किया था, उसी दानदाता ने बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराया है.

मंदिर में लगे सोने को लेकर भ्रम फैलाया गया है – बीकेटीसी 

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह के स्वर्ण मंडित होने से पहले गर्भगृह में 230 किलो चांदी की प्लेटें लगी हुई थीं. भ्रम फैलाने वालों ने अंदाजा लगाया कि शायद इतने ही सोने का इस्तेमाल गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए किया गया होगा. चांदी की प्लेटें शुद्ध होती हैं, इसलए  उन्हे लगान के लिए किसी और चीज की जरुरत नही होती है  जबकि स्वर्ण मंडित करने की प्रक्रिया में तांबे के प्लेटों पर सोने का वर्क चढ़ाया जाता है. देशभर में जिस भी मंदिर को स्वर्ण मंडित किया गया है, सबमें तांबे की प्लेटों पर ही सोने की लेयर चढ़ाई गई है. सिर्फ विवाद पैदा करने के लिए इस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है कि 228 किलो सोना गायब हो गया.

जून 2023 में सामने आया था केदारनाथ धाम से सोना गायब होने का मामला 

आपक बता दें कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह से सोना गायब होने का मामला सबसे पहले पिछले साल यानी जून 2023 में सामने आया था, जब केदारनाथ धाम के पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा था कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर 125 करोड़ रुपये का सोना मढ़वाया गया था.ये सोना 2005 में मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगया गया था. संतोष त्रिवेदी ने श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था और दावा किया था कि  केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगा सोना अब पीतल में बदल गया है. उस वक्त भी बीकेटीसी ने इन बयानों को झूठा बताया था और इसे मंदिर प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश करार दिया था.

आरोपों का बाद भी अब तक कोई जांच नहीं !  

लेकिन इस मामले में ये भी सच है कि इतने बड़े आरोप के बाद बी जून 2023 के बाद से लेकर अब तक ना तो बीकेटीसी और ना ही सरकार ने इस मामले मे कोई जांच बिठाई है, जबकि ये आरोप किसी सामान्य राजनीतिक दल या कि व्यक्ति ने नही बल्कि सनातन घर्म के सर्वश्रेष्ठ गुरु मान जाने वाले शंकराचार्य ने लगाई है. अबशंकराचार्य के आरोप को किसी दल विशेष का बताकर उसे सिरे से खारिज करना अपने में सवालों के घेरे में हैं

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