पटना, बिहार विधानसभा में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ नीतीश कुमार की तू-तड़क को अब एनडीए दलित अपमान बता सड़क पर उतर आया है. मंगलवार को पटना में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के पास हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) ने मौन सत्याग्रह का आयोजन किया. हम के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बीजेपी नेता भी शामिल हुए.
मांझी ने कहा-मेरा नहीं प्रदेश और देश के दलितों का अपमान
मौन सत्याग्रह के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “मैं समझता हूं कि उन्होंने(नीतीश कुमार) सिर्फ जीतन राम मांझी का अपमान नहीं किया बल्कि बिहार और हिंदुस्तान के सभी दलित लोगों का अपमान किया. एक राज्य का मुख्यमंत्री जो 13 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके मुख से ऐसी चीजें आना विषादनीय है… ”
#WATCH पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “मैं समझता हूं कि उन्होंने(नीतीश कुमार) सिर्फ जीतन राम मांझी का अपमान नहीं किया बल्कि बिहार और हिंदुस्तान के सभी दलित लोगों का अपमान किया। एक राज्य का मुख्यमंत्री जो 13… pic.twitter.com/JqVTGeenMJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2023
बीजेपी भी शामिल हुई मांझी के मौन सत्याग्रह में
वहीं अपने एनडीए साथी के समर्थन में बीजेपी भी मौन सत्याग्रह में शामिल हुई. बीजेपी के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत कई दिग्गज हम के सत्याग्रह में नज़र आए.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट साझा कर सीएम नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, “दरअसल नीतीश बाबू शुरू से ही दलितों के प्रति संकीर्ण मानसिकता रखते हैं.”
सम्राट चौधरी ने अपने लंबे पोस्ट में लिखा, “बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी जी के प्रति मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा सदन में किए अभद्र टिप्पणी के खिलाफ बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा के पास हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) द्वारा आयोजित मौन सत्याग्रह में शामिल होकर उनका विरोध दर्ज कराया. बिहार भाजपा और एनडीए पूरी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी जी के साथ खड़ी है. नीतीश जी ने केवल पूर्व मुख्यमंत्री जी को अपमानित नहीं किया है बल्कि 14 करोड़ बिहारवासियों को अपमानित करने का काम किया है. दरअसल नीतीश बाबू शुरू से ही दलितों के प्रति संकीर्ण मानसिकता रखते हैं और समय-समय पर उसे प्रकट भी करते रहते हैं। किंतु इस बार बिहार की जनता उन्हें माफ़ नहीं करने वाली है और एनडीए के नेतृत्व में हम इस अराजक सत्ता को 2025 में गद्दी से उखाड़ फेंकेंगे.”
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी जी के प्रति मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा सदन में किए अभद्र टिप्पणी के खिलाफ बाबा साहब भीमराव अम्बेदकर जी की प्रतिमा के पास हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) द्वारा आयोजित मौन सत्याग्रह में शामिल होकर उनका विरोध दर्ज कराया।… pic.twitter.com/2uUzWmxuU0
— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) November 14, 2023
विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार और मांझी के बीच क्या हुआ था
असल में बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन जब सदन में जाति गणना और बिहार आरक्षण विधेयक पर चर्चा हो रही थी तभी जीतन राम मांझी ने कहा कि, जनगणना का काम सही तरीके से नहीं हुआ है. इसलिए लोगों को ठीक से लाभ नहीं मिला. मांझी ने जाति गणना के आकड़ों पर भी सवाल उठाए. जिसे सुन सीएम नीतीश कुमार भड़क गए और कहा कि मांझी को कोई आइडिया नहीं है वो क्या बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने तैश में आकर ये भी कहा कि मेरी मूर्खता थी कि तुमको मुख्यमंत्री बनाया. उन्होंने मांझी पर आरोप भी लगाया कि वो अब गवर्नर बनना चाहते हैं.
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