Friday, September 19, 2025

Jammu rain: भूस्खलन और बारिश से तबाही, वैष्णो देवी में मरने वालों की संख्या 32 हुई

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Jammu rain: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पहाड़ी पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर आए भूस्खलन के में मरने वालों की अधिकारिक संख्या 32 हो गई है.

Jammu rain: मंगलवार को क्या हुआ

अधिकारियों ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए. मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे जब अचानक पहाड़ की ढलान सचमुच ढह गई और पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं तब तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई.
कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की घुमावदार यात्रा के लगभग आधे रास्ते में एक जगह भूस्खलन हुआ है.
मंदिर तक पहुँचने के दो रास्ते हैं – हिमकोटि मार्ग पर यात्रा सुबह से ही स्थगित थी, लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक पुराने मार्ग पर यात्रा जारी रही, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया.

‘उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन की आपराधिक लापरवाही’

मौसम संबंधी अलर्ट में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना के साथ भारी बारिश की भविष्यवाणी के बावजूद, किश्तवाड़, कठुआ और रियासी जिलों में केवल 12 दिनों के भीतर हुई लगातार तीन बारिश संबंधी घटनाओं में अब तक 136 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 74 तीर्थयात्री शामिल हैं. इन घटनाओं ने पुराने मार्ग पर यात्रा की अनुमति देने में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की देरी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “जब मौसम विभाग हर घंटे मौसम का पूर्वानुमान जारी कर प्रशासन को भारी बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दे रहा था, तब प्रशासन ने मचैल माता यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा को स्थगित न करके ‘आपराधिक लापरवाही’ दिखाई.”
उन्होंने कहा, “अगर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाला प्रशासन खराब मौसम के पूर्वानुमान के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को स्थगित करने में तत्पर था, तो किश्तवाड़ में माता मचैल यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा को समय पर स्थगित न करना, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से भी असंवेदनशीलता को दर्शाता है.”
अधिकारी ने कटरा और पड्डर के उप-मंडल मजिस्ट्रेटों और तीर्थस्थल बोर्ड को 32 मौतों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
किश्तवाड़ में कम से कम 65 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, और 14 अगस्त से 32 लापता हैं
17 अगस्त को कठुआ में बादल फटने से पाँच नाबालिगों समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई.

‘पेड़ों की कटाई के कारण अधकुवारी के पास भूस्खलन’

वहीं हिंदुस्तान टाइम्स ने कटरा के एक स्थानीय निवासी दीपक कुमार के हवाले से अपनी खबर में कहा, “केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले, एक राजनीतिक फ़ैसला लेते हुए, अमरनाथ यात्रा को उसके निर्धारित समापन से पहले ही रोक दिया था. हमें यह भी याद है कि कैसे 1 जनवरी, 2022 को भगदड़ में 12 वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. 12 दिनों के भीतर बारिश से जुड़ी तीन घटनाओं में 113 लोगों की मौत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले और बाहरी आईएएस नौकरशाहों द्वारा संचालित प्रशासन की आपराधिक लापरवाही के अलावा और कुछ नहीं है.”
कुमार ने अधकुवारी के पास मंगलवार को हुए भूस्खलन के लिए पेड़ों की बेतहाशा कटाई और गुफा मंदिर तक नए रास्ते बनाने को ज़िम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, “त्रिकुटा पहाड़ियों पर ऐसी मौत और तबाही हमने पहले कभी नहीं देखी थी. तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने और पैसा कमाने के लिए मंदिर बोर्ड ने इन पहाड़ियों को बर्बाद कर दिया है.”
हिंदुस्तान टाइम्स से एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार रोहित जंडियाल ने कहा, “कुछ लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा और सोशल मीडिया पर दिखावटी संवेदना व्यक्त करने से प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता. नौकरशाहों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और उनके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जब पूरी व्यवस्था ही जनता और शासन के कल्याण के प्रति असंवेदनशील हो जाए, तो बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा?”

ये भी पढ़ें-Jammu rain: वैष्णो देवी यात्रा निलंबित, भारी बारिश और भूस्खलन के बीच 3 लोगों की मौत, रेड अलर्ट जारी

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