Jaishankar in Rajya Sabha: मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, राजनीतिक संकट के बीच भारत बांग्लादेश की अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत भाग आने के बाद के हालात पर विदेश मंत्री ने राज्य सबा को अवगत कराया.
Jaishankar in Rajya Sabha: विपक्ष से की समर्थन की मांग
राज्यसभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, “पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही स्थिति है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की मांग करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है.”
Suo-moto statement in Loksabha on the situation in Bangladesh. https://t.co/2I1fPt2cGT
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 6, 2024
बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की स्थिति पर है भारत की नज़र
जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के संबंध में स्थिति पर नज़र रख रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई.
उन्होंने अपने बयान में कहा, “विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए पहल की खबरें हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से हम तब तक बहुत चिंतित रहेंगे जब तक कानून और व्यवस्था स्पष्ट रूप से बहाल नहीं हो जाती. हमारे सीमा सुरक्षा बलों को भी इस जटिल स्थिति के मद्देनजर असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.”
मंगलवार को ढाका में हुए घटनाक्रम के बारे में, जिसके कारण शेख हसीना देश छोड़कर भारत पहुंचीं, मंत्री ने कहा, “5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया.”
‘शेख हसीना ने बहुत कम समय में भारत आने की मंजूरी मांगी’
जयशंकर ने कहा, “बहुत कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए एक अनुरोध भी मिला. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं.”
बांग्लादेश में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा को लेकर क्या बोले जयशंकर
सदन को दिए अपने बयान में, जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सरकार राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में है.
“वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9,000 छात्र हैं. उच्चायोग की सलाह पर जुलाई के महीने में अधिकांश छात्र पहले ही भारत लौट चुके हैं.” उन्होंने कहा, “हमारी राजनयिक उपस्थिति के संदर्भ में, ढाका में उच्चायोग के अलावा, चटगाँव, राजशाही, खुलना और सिलहट में हमारे सहायक उच्चायोग हैं. हमारी उम्मीद है कि सेना और नवगठित सरकार इन प्रतिष्ठानों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी. हम स्थिति के स्थिर होने के बाद उनके सामान्य कामकाज की उम्मीद करते हैं.”