Iran Israel war: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को साफ कहा कि आगे भी अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है. पत्रकारों के पूछे एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भविष्य में भी ईरान पर हमला कर सकता है. ट्रंप ने कहा कि यदि ईरान अपने परमाणु संयंत्रों का पुनर्निर्माण शुरू करता है तो अमेरिका भविष्य में ईरान पर हमला कर सकता है.
यह पूछे जाने पर कि यदि ईरान पुनः सैन्य निर्माण करता है तो क्या अमेरिका हमला करेगा, ट्रम्प ने एक शब्द में उत्तर दिया.
“ज़रूर.” ट्रंप ने ये बयान नीदरलैंड के हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान दिया.
ईरान की परमाणु क्षमता नष्ट कर दी गई हैं- मार्को रुबियो
दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि शनिवार को बी-2 बमवर्षकों द्वारा हमला किए जाने के बाद ईरानी परमाणु सुविधाओं को अब मानचित्र पर नहीं पाया जा सकता है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें मिटा दिया गया है.
एक प्रारंभिक अमेरिकी खुफिया आकलन में कहा गया है कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट नहीं किया और इसे केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया. खुफिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, ट्रम्प ने कहा, “वे वास्तव में नहीं जानते हैं.”
इज़राइल के हमले के बाद शुरु हुई Iran Israel war
इज़राइल ने 13 जून को अचानक ईरान पर हवाई हमले शुरू किया. इज़राइल ने दावा किया की उसने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमला किया और शीर्ष सैन्य कमांडरों को मार डाला. ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायली सैन्य स्थलों और शहरों पर मिसाइलों की बौछार कर दी. हलांकि ईरान हमेशा से कहता रहा है कि वह परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है.
मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता की. ट्रंप ने संघर्ष विराम का एलान भी किया. लेकिन संघर्ष बुधवार की सुबह तक जारी रहा. राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को दोनों देशों और विशेष रूप से इजरायल पर इस बात के लिए हमला बोला था कि उन्होंने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. दोनों देशों ने कहा है कि वे संघर्ष विराम का सम्मान करेंगे, बशर्ते दूसरा भी ऐसा ही करे.
अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया
इससे पहले अमेरिका ने शनिवार को इजरायल के साथ संघर्ष के दौरान ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की. ये स्थल फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान थे. कहा जाता है कि तेहरान ने हमलों से पहले अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को स्थानांतरित कर दिया था, एक बात जिसका डोनाल्ड ट्रम्प ने खंडन किया है.
अमेरिका ने भूमिगत स्थलों पर बमबारी करने के लिए बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलों को दागकर जवाबी कार्रवाई की. ट्रम्प ने खुलासा किया कि तेहरान ने हमले से पहले उन्हें सूचित किया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ.
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