India-wide SIR: भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने 28 अक्टूबर से मतदाता सूचियों के राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की है. चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को 7 फरवरी, 2026 तक पूरा करने की योजना है.
आयोग ने बताया कि, इसकी शुरुआत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होगी, जिसे एसआईआर का दूसरा चरण माना जा रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि हाल ही में बिहार में आयोजित एसआईआर पहला चरण था.
India-wide SIR: इन 12 राज्यों में होगी एसआईआऱ
28 अक्टूबर से शुरू होने वाले एसआईआर में शामिल 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची
1-अंडमान और निकोबार
2-छत्तीसगढ़
3-गोवा
4-गुजरात
5-केरल
6-लक्षद्वीप
7-मध्य प्रदेश
8-पुडुचेरी
9-राजस्थान
10-तमिलनाडु
11-उत्तर प्रदेश
12-पश्चिम बंगाल
मतदाताओं का मिलान 2002/03/04 की मतदाता सूचियों से किया जाएगा- ईसी
ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछली एसआईआर दो दशक से भी ज़्यादा समय पहले आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि 1951 से 2004 के बीच एसआईआर आठ बार आयोजित की जा चुकी है.
पहले चरण के रूप में, जो तुरंत शुरू होगा, इन राज्यों के मतदाताओं का मिलान 2002/03/04 की मतदाता सूचियों से किया जाएगा.
12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की मुख्य तिथियाँ
मुद्रण/प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर
घर-घर जाकर गणना चरण: 4 नवंबर से 4 दिसंबर
ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 8 दिसंबर
दावे और आपत्ति की अवधि: 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026
सूचना चरण: 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फ़रवरी, 2026
बीएलओ कम से कम तीन बार मतदाता के घर जाएगा- ज्ञानेश कुमार
गणना-पूर्व चरण में, इसके लिए गणना प्रपत्र बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा भरे जाएँगे, जो प्रत्येक मतदाता के लिए कम से कम तीन बार घर-घर जाएँगे. जो लोग अस्थायी रूप से प्रवास पर हैं, या कार्यालय समय के दौरान व्यस्त हैं, वे स्वयं ये विवरण ऑनलाइन भर सकते हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी योग्य मतदाता छूट न जाए और कोई भी अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में शामिल न हो.”
जिन लोगों के नाम 2003 की मतदाता सूची में हैं – या उनके माता-पिता के नाम हैं – उन्हें और कोई प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है; केवल गणना प्रपत्र ही पर्याप्त होगा. आप संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की चुनाव वेबसाइट पर 2003 (कुछ मामलों में 2002 या 2004) की मतदाता सूची देख सकते हैं.
आधार का प्रयोग सिर्फ पहचान प्रमाण के रूप में किया जाएगा
बिहार एसआईआर के दौरान दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, आधार का उपयोग केवल पहचान प्रमाण के रूप में किया जाएगा.
प्रमाणपत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं (सूची सांकेतिक है, चुनाव आयोग इसे विस्तृत कर सकता है):
1- किसी भी केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश
2- 01.07.1987 से पहले भारत में सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज़.
3-सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र.
4-पासपोर्ट
5-मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र
6-सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र
7-वन अधिकार प्रमाण पत्र
8-सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी/एससी/एसटी या कोई भी जाति प्रमाण पत्र.
9-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहाँ भी हो)
10-राज्य/स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर.
11-सरकार द्वारा जारी कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र.
12-आधार (केवल पहचान के लिए).

