दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में से एक IBM (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉर्प) के सीइओ अरविंद कृष्णा ( IBM CEO Arvind Krishna) ने कहा है कि कंपनी (IBM) लगभग 30 प्रतिशत कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (IA) से बदलने पर विचार कर रही है. कंपनी उन जगहो पर AI के इस्तेमाल की योजना बना रही है जिन का सीधा संबंध ग्राहक से नहीं है.
सीइओ अरविंद कृष्णा ( IBM CEO Arvind Krishna) मुताबिक इसके लिए बड़ी संख्या मे लोगों की छंटनी करनी होगी. इसलिए फिलहाल नई नियुक्तियां भी रोक दी गई है.
कंपनी सीइओ के मुताबिक कंपनी में ये तय किया गया है कि जो काम आई बाट्स (I BOTS) कर सकते हैं, उन जगहों पर नई नियुक्तियां फिलहाल नहीं की जायेगी.
ChatGPT के लांच के बाद से लोगों में नौकरी जाने का डर बढ़ गया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक IBM के सीइओ अरविंद कृष्णा की बयान के बाद कंपनी के मानव संसधान विभाग ( HR DEPARTMENT) का काम धीमा हो गया है.
हलांकि अरविंद कृष्णा ने कहा कि कंपनी ये कदम हाल फिलहाल में नहीं उठायेगी बल्कि आने वाले 5 सालों में 30 प्रतिशत स्टाफ को AI से रिप्लेस किया जायेगा.
आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कंपनी E-Customer Service, शिकायत लिखने और कोड जेनरेट करने जैसे काम करेगी. इसके अलावा रोजगार इम्लॉयमेंट वेरिफिकेशन जैसे काम पूरी तरह से AI के हवाल होगा. वहीं मानव संसाधन कार्य (HR Management) के काम जैसे मूल्यांकन , मैनपावर मेनेजमेंट और प्रोडक्टिविटी जैसे कार्य आम तरीके से ही होते रहेंगे. ये बातें IBM CEO अरविंद कृष्णा ने एक इंटरव्यू के दौरान कही.

IBM CEO के बयान के बाद दुनिया भर में लोगों ने चिंताएं बढ गई हैं. खासकर भारत जैसे विकासशील देश. जहां की अधिकतम उच्च शिक्षित आबादी इन कंपनियों में काम करने के के लिए अवसर की तलाश मे रहती हैं. अगर कंपनियां हयूमन रिसोर्स की जगह AI का इस्तेमाल करने लग जायेगी तो जाहिर है बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोजगार के साधन कम होंगे. उच्च तकनीक की पढ़ाई कर इन कंपनियों ने काम करने का सपना देखने वालों के लिए ये बड़ा झटक होगा.
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