उत्तर प्रदेश:भारतीय जनता पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है. पार्टी ने तय किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना PM Vishwakarma Yojana से शिल्पकारों को जोड़ने के लिए BJP गांव, गली, मोहल्लों में अभियान चलाकर हुनरमंदो को योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगी.
PM Vishwakarma Yojana के जरिये गली मुहल्ले तक पहुंचने की कवायद
BJP के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि भारत के सामाजिक ढांचे में परम्परागत शिल्प और उद्योग अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार थे. कालान्तर में ऐसे शिल्प और उद्योगों की अनदेखी के कारण देश की परम्परागत उद्यमिता विकास की मुख्यधारा से दूरी हो गई.बंसल ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन परम्परागत शिल्पियों तथा उद्यमियों को आधुनिक प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही बिना गारन्टी के पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से तीन लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारम्भ किया.
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करना है
राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा पार्टी कार्यकर्ता के रूप में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमारे आस-पास, हमारे गांव, गली, मोहल्ले में जो भी लकड़ी का काम करने वाले, सोने चांदी का काम करने वाले, चर्मकार, कपडो की धुलाई करने वाले, नाव बनाने वाले, ताला बनाने वाले आदि पारम्परिक कारीगरी से जुडे़ लोगों को पीएम विश्वकर्मा सम्मान योजना से जोड़कर उनकी आर्थिक व सामाजिक उन्नति से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करें.हमारा लक्ष्य योजनाबद्ध तरीके से अभियान को चलाना है और प्रत्येक शिल्पी व कारीगर को योजना के लाभ बताकर योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करना है.
योजना का उद्देश्य शिल्पकार और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि जब तक देश के परम्परागत कारीगर, शिल्पकार, उद्यमी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगें तब तक देश भी आर्थिक महाशक्ति नहीं बन सकता है.प्रदेश महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना का शुरू करने का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प से जुडे़ शिल्पकार और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वह अपने प्रोडक्ट व सर्विस को बाजार में सहजता से पहुंचा सके. शिल्पकार और कारीगरों को आर्थिक सहायता कर उनके जीवन स्तर को और बेहतर बनाया जा सके और उनकी आय में वृद्धि की जा सके.