Thursday, April 24, 2025

Lateral entry: लैटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है, बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है-राहुल गांधी

Lateral entry: रविवार के बाद फिर सोमवार को लैटरल एंट्री के मुद्दे पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है. राहुल गांधी ने लैटरल एंट्री को दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला बताया है और कहा है कि सरकार इसके जरिए आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है.

Lateral entry बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास- राहुल गांधी

सोमवार को एक्स पर लिखे एक पोस्ट में नेता विपक्ष ने Lateral entry पर सरकार को घेरते हुए लिखा है कि, “लैटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है. बीजेपी का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है.“

‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है-राहुल गांधी

इससे पहले कल यानी रविवार को भी राहुल गांधी ने एक पोस्ट कर इसका विरोध किया था. उन्होंने लिखा था, “नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है. मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है. यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है. ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया. प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा. ‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है.”

Lateral entry क्या है?

भारतीय नौकरशाही में लेटरल एंट्री की शुरुआत 2018 में की गई थी. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से पारंपरिक भर्ती के विपरीत, लेटरल एंट्री निजी क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों के अनुभवी पेशेवरों को वरिष्ठ स्तरों पर सरकार में शामिल होने की अनुमति देती है. इस दृष्टिकोण का उद्देश्य नौकरशाही में विविध विशेषज्ञता लाना है, जिससे इसकी दक्षता बढ़े.
लेटरल एंट्री प्रक्रिया यूपीएससी परीक्षा के सामान्य चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार को दरकिनार कर देती है और इसके बजाय चयन के लिए पूरी तरह से साक्षात्कार पर निर्भर करती है. इस पद्धति को शुरू में 2018 में नौ संयुक्त सचिव पदों के लिए लागू किया गया था.

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