GST Council Meeting : नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की सालाना बैठक दिल्ली में बुधवार से शुरु हुई है. मोदी सरकार में ये जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक है. इस बैठक में विचार के बाद कल यानी गुरुवार को रोजमर्रा की कई चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर लाने की घोषणा हो सकती है.इस बात की उम्मीद इस लिए भी की जा रही है क्योंकि इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौक पर पीएम मोदी ने लाल किले से दिये अपने भाषण में जीएसटी रिफॉर्म लाने की बीत कही थी.पीएम मोदी के ऐलान के बाद जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक है.
Finance Minister @nsitharaman chairs the 56th meeting of the GST Council. @FinMinIndia #GSTReforms #GSTCouncilMeeting #gstcouncilmeet pic.twitter.com/J7rU6vbghq
— DD News (@DDNewslive) September 3, 2025
GST Council Meeting की बैठक के बाद हो सकते है बड़े ऐलान
सूत्रो के हवाले से खबर है कि जीएसटी काउंसिल की इस बैठक के बाद सरकार बड़े फैसलों का ऐलान कर सकती है जिसमें नये GST Reform के तहत 2 टैक्स स्लैब और रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें की कीमत कम करने पर मुहर लग सकती है. दो दिन चलने वाले इस बैठक को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है.इस में रोजना उपयोग होने वाली ज्यादातक चीजें शामिल होंगी.
2 स्लैब में हो सकती है जीएसटी की दरें
प्रस्ताव के मुताबिक सरकार अब अलग अलग जीसएटी दरों की जगह केवल दो स्लैब में जीएसटी तय कर सकती है. जिन वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है उसे 18 प्रतिशत (हानिकारक वस्तुओं को छोड़कर) स्लैब में शामिल किया जा सकता है. जिन वस्तुओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी है, उसे 5 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जा सकता है.सरकार एक अलग स्लैब 40 प्रतिशत का बनाने पर विचार कर रही है जिसमें 6-7 वस्तुएं शामिल होंगी, जो अल्ट्रा लक्जरी या हानिकारक वस्तुएं हो सकती है.
175 वस्तुओं पर कम हो सकता है जीएसटी
अंग्रेजी अखबार मनीकंट्रोल के मुताबिक उन्हें आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि करीब 175 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी की जा सकती है . इनमें भोज्य सामग्री, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, AC, रेफ्रिजरेटर आदि चीजें शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अगर मंत्रिसमूह (GOM) के इन उत्पादों पर रेट कटौती के प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल स्वीकार कर लेती है तो रोजमर्रा की कई चीजों की कीमत औसतन 10 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी.
हेल्थ सेक्टर और इंश्योरेंस सेक्टर को मिल सकती है जीएसटी में छूट
GOM का प्रस्ताव है कि जीवन बीमा प्रीमियम और स्वास्थ्य के लिए काम करने वाले सेक्टर्स को जीएसटी के दायरे से अलग रखना चाहिए. मंत्री समूह के मुताबिक इससे सरकार को राजस्व में निकसान हो सकता है लेकिन ये जरुरी है. तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क का कहना है कि लोगों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर पूरी तरह से छूट मिलनी चाहिये. अनुमान के मुताबिक इसतरह से छूट देने पर सालाना 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है.

