Friday, July 4, 2025

यूपी के पहले फारेंसिक साइंस इंस्टीस्ट्यूट (UPSIFS) का Cm Yogi ने किया शुभारंभ

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लखनऊ   देश में अपराध और अपराध की प्रकृति में तेजी से बदलाव आ रहा है. खासकर साइबर अपराध इतनी तेजी बढ़ रहे हैं कि इससे बचने के लिए आम लोगों का जागरुक और सतर्क रहना बेहद जरुरी है.साइबर अपराध के प्रति लोगों के बीच जागरुकता बढ़े, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में ‘यूपी राज्य फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट (UPSIFS)”  की स्थापना की है .आज ये इंस्टीट्यूट पांच ब्रांच के साथ अस्तित्व में आ गया है.इस इंस्टीट्यूट का पहला बैच आज से शुरु हो  गया है. पहले बैच का स्वागत सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया .

तकनीक की जानकारी ही अपराध से बचाव का रास्ता है- सीएम योगी

UP State Forensic Science Institute के पहले बैच का स्वागत करते हुए सीएम योगी ने इस इंस्टीट्यूट के महत्व को बारे में छात्रों को बताया .सीएम योगी ने कहा कि समय आ गया है जब सभी को अपने आप को अपडेट करना होगा. सीएम योगी ने कहा कि अक्सर लोग साइबर से जुड़े अपराध को नकार देते हैं क्योंकि उन्हें इन अपराधों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. फोरेंसिक साइंस में भी कुछ ऐसा ही होता है. अक्सर जब अपराध होता है तो लैब से रिपोर्ट आने में महीनों लग जाते हैं. कई बार लैब रिपोर्ट के कारण पीड़ित पक्ष न्याय से वंचित रह जाता है इसलिए जरूरी है कि हम अपराधों की प्रकृति को समझें और उसके अनुरूप खुद को तैयार करें.

सीएम योगी ने कहा कि सही समय पर पीड़ितों के न्याय मिले इसके लिए इसके लिए जरुरी है कि लोग टेक्नोलॉजी के अनुरुप अपने आप को तैयार करें, नहीं को समय से पिछड़ जायेंगे.हम लोग आम आदमी के साथ न्याय नहीं कर पायेंगे. इस लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में फॉरेंसिक साइंस इस्टीट्यूट की स्थापना की है.

आपको बता दें कि यूपी स्टेट फारेसिंक साइंस इस्टीट्यूट (UP State Forensic Science Institute) में तीन तरह के कोर्स रखे गये हैं. ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा . यहां से छात्रों को चार साल में ग्रेजुएशन और 5 साल में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी. इस संस्थान के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए फॉरेसिंक विशेषज्ञों की जरुरत को पूरा किया जायेगा. ये इंस्टीट्यूट राष्ट्रीय फॉरेसिंक विज्ञान महाविद्यालय , गांधीनगर से संबद्ध है.

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