दिल्ली 2 जून को उडीसा के बालासोर में हुए देश के सबसे बड़े रेल हादसे में सीबीआई ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों रेलवे के कर्मचारी है. जिन लोगों के सीबीआई ने गिरफ्तार किया है उनके नाम है अरुण कुमार महंत( जुनियर इंजीनियर),आमिर खान(जूनियर सेक्शन इंजीनियर) और पप्पू कुमार(टेकनिशियन). इन तीनों पर सीबीआई ने IPC का धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 201 (अपराध के सबूत गायब करना, जान बूझकर गलत जानकारी देना) के तहत केस दर्ज किया है.
जांच शुरु होने के बाद से सील है बहनगा स्टेशन है
2 जून की त्रासद घटना के बाद इसके कारणों की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने घटना वाले स्टेशन बहनगा को सील कर दिया था. इस स्टेशन से रोजाना 170 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती है लेकिन फिलहाल ये स्टेशन सील है. यहां कोई ट्रेन नहीं रुकती है . जांच के दौरान यहां होने वाले सभी ऑपरेशन्स तत्काल बंद कर दिये गये थे और सीबीआई ने स्टेशन से लॉगबुक, रिले उपकरण और अन्य जरुर समान उठा लिये थे.
पिछले दिनों जांच के दौरान सीबीआई ने एक कर्मचारी के घर पर छापा मारा था तब से वो कर्मचारी अपने परिवार समेत घर से गायब है.
बालासोर हादसे में अब तक साउथ इस्टर्न जोन के कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. इस्टर्न जोन की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को यहां से हटा कर कर्नाटक भेज दिया गया है. उन्हें कर्नाटक में रेल व्हीकल फैक्ट्री का महाप्रबंधक बनाया गया है. रेलवे बोर्ड ने इस जोन के सहायक प्रबंधक और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का भी तबादला कर दिया है.
प्रारंभिक जांच में मानवीय भूल की आशंका
हादसे के बाद रेलवे सेफ्टी बोर्ड तरफ से की गई प्ररंभिक जांच में इस बात की ओर इशारा किया गया था कि ये एक मानवीय भूल हो सकती है. रेलवे सेफ्टी बोर्ड की जांच में कोरमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नल दिये जाने की बात सामने आई थी.हलांकि रेलवे सेफ्टी बोर्ड की पूरी रिपोर्ट फिलहाल गुप्त रखी गई है.
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2 जून को हुई थी देश की सबसे बड़ी त्रासद रेल दुर्घटना
आपको याद दिला दें कि पिछले महीने की 2 जून को उडीसा के बालासोर में बहनगा स्टेशन पर तीन ट्रेनें एक दूसरे से टकरा गई. एक ट्रेन कोरमंडल एक्सप्रेस जिसे हावड़ा से चेन्नई जाना था, वो दूसरी लाइन पर खड़ी एक मालगाडी से टकरा गई. ट्रेन की रफ्तार के कारण कोरमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पास खड़ी दूसरी ट्रेन यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकराई . इस भीषण हादसे में ज्ञात तौर पर 192 लोगों की मौत हो गई और करीब 1200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए . भारत के इतिहास की ये सबसे त्रासद और बड़ी रेल दुर्घटना थी. इसक पीडा से निकल पाना आसान नहीं है.
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