Saturday, July 5, 2025

योगी सरकार में हर दिव्यांग बनेगा आत्मनिर्भर , सरकार ने बजट में खोला 1424 करोड़ रुपये का खजाना

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लखनऊ, 26 फरवरी।  उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार  Yogi Government  ने 2025-26 के बजट में दिव्यांगजन कल्याण के लिए 1424 करोड़ रुपये की बड़ी राशि प्रस्तावित की है। यह प्रावधान न केवल उनकी बुनियादी आवश्यक्ताओं को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Yogi Government ने रखा दिव्यांगजनों का ध्यान

दिव्यांगजन अक्सर आर्थिक अस्थिरता के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं। उनकी इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत 1424 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवनयापन के लिए किसी पर निर्भर न रहें। दिव्यांगजन की जीवनशैली को सरल और सुगम बनाने के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपये का बजट कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों के लिए प्रस्तावित किया है। यह पहल उन्हें शारीरिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी। तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन अब नए अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे।

दिव्यांगजनों के इलाज में अब नहीं आएगी बाधा

स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक का अधिकार हैं, लेकिन आर्थिक समस्याओं के कारण दिव्यांगजन अक्सर उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए योगी सरकार ने 10 करोड़ रुपये की राशि असहाय दिव्यांग व्यक्तियों के इलाज हेतु अनुदान योजना के लिए तय की है। इस अनुदान से दिव्यांगजन को समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी, जिससे उनका जीवन सुगम होगा। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों की देखभाल और शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रदेश के 18 मंडलों में बचपन डे केयर सेंटर स्थापित किए हैं। इन केंद्रों में 3 से 7 वर्ष के श्रवणबाधित, मानसिक मंदित और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से दिव्यांग बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।

दिव्यांग सशक्तीकरण की दिशा में Yogi Government का ऐतिहासिक कदम

योगी सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करेगी। सीएम योगी का मानना है कि विकास का असली अर्थ तभी है, जब समाज के सबसे कमजोर वर्ग की जरूरतें पूरी हो और उन्हें उनका अधिकार मिलें। सीएम योगी की अगुवाई में मनरेगा योजना को इस तरह से लागू किया गया है कि दिव्यांगजन भी इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री का यह प्रयास प्रदेश के समग्र विकास और समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मनरेगा योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों को उनकी योग्यता, क्षमता और कार्यकुशलता के अनुसार रोजगार प्रदान किया जा रहा है। समाज के इस वर्ग को भी आजीविका का समान अधिकार मिले इसके लिए सीएम योगी प्रयासरत हैं। इसी के मद्देनजर वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक 1.24 लाख से अधिक दिव्यांग जनों को रोजगार देकर उनकी आजीविका को सशक्त बनाया गया है। इन दिव्यांगजनों के माध्यम से अब तक 44.64 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं।

मनरेगा के तहत दिव्यांगजनों को रोजगार से जोड़ रही योगी सरकार

मनरेगा योजना के अंतर्गत जरूरतमंद श्रमिकों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। दिव्यांगजनों को उनकी जरूरतों और क्षमता के आधार पर कार्य सौंपा जा रहा है। यह योजना न केवल रोजगार प्रदान कर रही है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता को भी बढ़ावा दे रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिव्यांगजनों को रोजगार उपलब्ध कराने में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

इस वर्ष 50,201 पंजीकृत दिव्यांग जॉब कार्ड धारकों में से 23,262 दिव्यांगजनों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही, अब तक 8.28 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। बीते वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017-18 में 11,332, 2018-19 में 10,993, 2019-20 में 10,699, 2020-21 में 17,400, 2021-22 में 14,065, 2022-23 में 13,948 और 2023-24 में 22,630 दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान किया गया। वर्तमान वर्ष में यह आंकड़ा 23,262 तक पहुंच चुका है।

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