राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी हो सकती है. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने बिजली खरीद समझौते पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद दिल्ली में बिजली की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं.
दिल्ली में बिजली की खरीद को लेकर रिलायंस एनर्जी की कंपनी बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) ने दिल्ली में बिजली की कीमतों पर नजर रखने वाली संस्था डीईआरसी के समक्ष अर्जी दाखिल की थी. दिल्ली बिजली आयोग ने बीएसईएस के आवेदन को मंजूरी देते हुए पावर परचेज एग्रीमेंट के आधार पर रेट बढ़ाने की इजाजत दे दी.
उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा असर- सरकार
DERC को बिजली दरों में बढ़ोतरी की मंजूरी देने के बाद दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि, बिजली दरों में बढ़ोतरी का उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. दिल्ली सरकार का कहना है कि पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बिजली की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. ठंड में बिजली सस्ती हो जाती है, जबकि गर्मियों में कीमत थोड़ी बढ़ जाती है. हर तिमाही समीक्षा में पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत कीमतों में मामूली बढ़ोतरी या घटत होती है.
आप और बिजली कांपनियों की मिली भगत से बढ़ी बिजली की दरें-बीजेपी
वहीं केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाते हुए दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि, दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत की वजह से दिल्ली की बिजली दरें बड़ गई. उन्होंने पूछा अरविंद केजरीवाल जी यह बिजली कंपनी के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है.
बड़ी बेशर्मी से आम आदमी पार्टी कह रही है यह तो हर साल PPAC गर्मी में बढ़ता है और सर्दी में कम हो जाता है, सच्चाई यह है पिछले साल जून में 16% से 22% कर दिया और वो आज तक रहा. अब 22% से 29% कर रहे है. उन्होंने सवाल पूछा कि वैसे केजरीवाल साहब आपने तो कहा था इन कंपनी का CAG ऑडिट करवाऊगा लेकिन आप गुहार नहीं कर रहे न्यायालय में इनका ऑडिट करने के लिए. और हां क्यों नहीं सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र के ज़रिये लोगो को डायरेक्ट दे रहे है बनिस्बत कंपनी को देने के.
ये भी पढ़ें- महंगाई की एक और मार, मोदी सरकार ने पास किया नया Electricity Tariff नियम ,रात में एसी कूलर चलाना पड़ेगा महंगा