वाराणसी:श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार वर्मा Dr. Sunil Kumar Verma को हटा दिया गया है.उन्हें वाराणसी में अपर आयुक्त प्रशासन के पद पर भेजा गया.सुनील वर्मा के स्थान पर अपर आयुक्त प्रशासन विश्व भूषण मिश्र को काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ की जिम्मेदारी दी गई है.

Dr. Sunil Kumar Verma को क्यों हटाया गया?
सुनील वर्मा को अचानक हटाने का कोई कारण तो सामने नहीं आया लेकिन बाबा पर चढ़ाया गया बेलपत्र बेचने के मामले को इससे जोड़ा जा रहा है. कुछ दिनों पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर ही बाबा को चढ़ाया गया बेलपत्र पांच-पांच रुपए में बेचने का मामला पकड़ा गया था. इस बारे में काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष तक को जानकारी नहीं थी. उन्होंने इसके लिए मंदिर प्रबंधन के अधिकारियों पर निशाना साधा और नाराजगी जताई थी. यहां तक कहा था कि मंदिर के अधिकारियों ने इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी. बाबा विश्वनाथ के भक्तों में भी इसे लेकर आक्रोश देखा गया था. मंदिर के अंदर स्थित दुकानों के साथ ही हेल्प डेस्क के पास भी बेलपत्र बेचा जा रहा था.इसे लेकर बाकायदा लिफाफा भी छपवाया गया था. मंदिर के अंदर भी जगह-जगह इसे लेकर स्टैंडी और होर्डिंग लगाई गई थी.
बेलपत्र बेचने पर मंदिर न्यास के अध्यक्ष ने गहरी नाराजगी जताई
जब इस मामलें को लेकर विरोध बढ़ा तो सीईओ सुनील वर्मा भी बैकफुट पर आ गए थे.बेलपत्र बेचने पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने गहरी नाराजगी जताई थी,कहा कि मंदिर की आय बढ़ाने का या कोई चीज बेचने पर उनसे सलाह तक नहीं ली गई. माना जा रहा है कि उनकी यह नाराजगी लखनऊ तक पहुंची थी.वर्ष 2011 बैच के पीसीएस अधिकारी सुनील वर्मा की काशी विश्वनाथ मंदिर में सीआईओ के पद पर तैनाती 3 सितंबर 2020 को हुई थी. सुनील वर्मा इससे पहले भी वाराणसी में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात रहे. काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ के पद पर आने से पहले मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर जौनपुर में तैनात थे.वाराणसी में उनका तबादला पहले गाजीपुर में CRO पद पर हुआ था,लेकिन वहां ज्वाइन करने से पहले ही आदेश को निरस्त कर जौनपुर का CRO व उप जिलाधिकारी भू राजस्व बनाया गया था. डॉक्टर सुनील ने इतिहास से शोध किया और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की.