उपेंद्र कुशवाहा के एमएलसी सीट से इस्तीफा के बाद जेडीयू ने अपने कोटे से प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.राजवर्धन आजाद को MLC बनाया है. जेडीयू कोटे से नव मनोनित विधान पारिसद सदस्य डॉ. राजवर्धन आजाद मंगलवार को शपथ ली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मौजूदगी में बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने डॉ. आजाद को शपथ दिलाई गई.
बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा के MLC की सीट छोड़े जाने के बाद खाली सीट पर शुक्रवार को जेडीयू ने डॉ. राजवर्धन आजाद को मनोनीत किया था.




पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आज़ाद के बेटे डॉ. राजवर्धन आज़ाद
आज़ाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आज़ाद के बेटे हैं. उन्होंने 2014 में एक बार गोड्डा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे.
शुक्रवार को बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित होने से पहले तक डॉ. राजवर्धन आज़ाद बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) के अध्यक्ष पद पर थे. आज़ाद ने नामांकन की अधिसूचना जारी होने से पहले ही बीएसयूएससी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. अधिसूचना में कहा गया है कि उनका कार्यकाल चार साल से अधिक का होगा, जो कि कुशवाह की शेष अवधि है.
मैथिल ब्राह्मणों को साधने की है कोशिश
गौरतलब है कि जेडीयू ने डॉ. राजवर्धन आजाद को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाकर मिथिलांचल में ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है.
हलांकि कुशवाहा समाज को उम्मीद थी कि उपेन्द्र कुशवाहा की एमएलसी की ये एक सीट उनके समाज में ही रहेगी. और उन्हीं के किसी नेता को मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसी को लेकर राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर जोरदार प्रहार किया था.