Friday, November 21, 2025

SC on stray dogs: स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश

- Advertisement -

SC on stray dogs: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस डिपो और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को हटाना सुनिश्चित करें. साथ ही न्यायालय ने कहा कि नसबंदी के बाद ऐसे कुत्तों को वापस उन्हीं स्थानों पर नहीं छोड़ा जा सकता.
अदालत ने कहा कि उन्हें वापस लौटने की अनुमति देने से ऐसे परिसरों की सुरक्षा और जन सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने का “उद्देश्य ही विफल” होगा.

SC on stray dogs: नसबंदी के बाद वापस वहीं नहीं छोड़े जाए कुत्ते-कोर्ट

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ, जो स्वप्रेरणा से आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं की निगरानी कर रही है, ने आदेश दिया कि इन परिसरों में मौजूद सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की जाए और उनका टीकाकरण किया जाए.
न्यायमूर्ति मेहता ने आदेश का मुख्य भाग पढ़ते हुए कहा, “उन्हें उसी क्षेत्र में वापस नहीं छोड़ा जाएगा क्योंकि उन्हें वापस छोड़ने से अदालत के निर्देश का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा.”

दो हफ्ते में सार्वजनिक स्थानों से हटाए जाए कुत्ते- कोर्ट

पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो सप्ताह के भीतर सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, चिकित्सा संस्थानों, सार्वजनिक परिवहन केंद्रों और खेल सुविधाओं की पहचान करने और आठ सप्ताह के भीतर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए इन क्षेत्रों को, अधिमानतः चारदीवारी के माध्यम से, सुरक्षित किया जाए. ऐसे प्रत्येक परिसर के रखरखाव और निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए, तथा स्थानीय नगरपालिका प्राधिकारियों और पंचायतों को कम से कम तीन महीने तक आवधिक निरीक्षण करना चाहिए तथा न्यायालय को रिपोर्ट देनी चाहिए.

हाइवे से भी हटाए जाए कुत्ते- कोर्ट

इसके अलावा, अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और अन्य सड़क स्वामित्व वाली एजेंसियों को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से आवारा मवेशियों और अन्य पशुओं को हटाने और उन्हें आश्रय स्थलों में रखने का निर्देश दिया.
वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र के रूप में पीठ की सहायता कर रहे हैं, द्वारा अदालत के समक्ष रखे गए सुझावों को आदेश में शामिल किया जाएगा.
यह आदेश हाल के हफ्तों में हुई कई सुनवाइयों के बाद आया है, जहाँ अदालत ने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के तहत आवारा कुत्तों के प्रबंधन पर अपने निर्देशों के व्यापक गैर-अनुपालन की आलोचना की थी.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में हुए शामिल

उस सुनवाई में अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश हुए थे, क्योंकि पीठ ने अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने पर उन्हें समन जारी किया था. केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही पूर्व निर्देशानुसार रिपोर्ट प्रस्तुत की थी.
इस मामले में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा कि उसके आज के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल होने के बाद मामले को पुनः सूचीबद्ध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-Bihar Phase 1 Voting में पड़े बंपर वोट, 121 विधानसभा में 64.66% हुआ मतदान, विपक्ष खुश, तेजस्वी ने कहा धन्यवाद

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news