Tuesday, April 29, 2025

स्कूलों की मनमानी फीस को लेकर सरकार ने बनाया कानून,10 लाख जुर्माना से मान्यता रद्द होने तक की सजा का प्रावधान

Delhi Education Fees Bill :   दिल्ली में स्कूलों की बढ़ी फीस और मनमाने रवैय्ये से परेशान अभिभावकों के लिए एक राहत की खबर है. दिल्ली सरकार ने स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के तरीकों पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.  सरकार ने  ‘दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल 2025 को मंजूरी दी है. बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. बिल को ऐतिहासिक बताते हुए शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि ये बिल दिल्ली के 1677 सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त सभी तरह के स्कूलों पर लागू होगा.

Delhi Education Fees Bill : अभिभावकों की मांग पर लाया गया बिल

इस बिल के बारे में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा  सरकार को अभिभावकों से स्कूलों में मनमाने फीस वसूली और दुर्व्यवहार की शिकायतें मिली रही थी, जिसके बाद जिला अधिकारियों ने  स्कूलों का निरीक्षण किया फिर स्कूलों का आडिट कराया गया . सीएम गुप्ता ने कहा कि हमें समझ में आया कि अभी तक  स्कूलों में बढ़ रहे  फीस के तरीकों की जांच करने के लिए कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं थी. अभी तक चल रहे 1973 के कानून में इस समस्या को निंयंत्रित करने के लिए कोई क्लॉज नहीं था, जिसके कारण कोई कार्रवाई करना मुश्किल था. इसी समस्या को ठीक करने के लिए सरकार ने अब नए विधेयक को मंजूरी दी है, जो निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के फीस निर्धारण करने और फीस बढ़ाने के मामले में भूमिकाओं को स्पष्ट करेगा.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री के मुताबिक अभिभावकों की शिकायत पर स्कूलों के कारण बताओ नोटिस तक जारी किया गया लेकिन ये उपाय अस्थायी थे. अब इस समस्या को जड़ से ठीक करने के लिए नया बिल लाया गाय ताकि फीस बढ़ोतरी को कंट्रोल करके पूरू प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सके.

 सरकार के नये बिल के मुताबिक 

  • अगर कोई स्कूल इस सरकार के नये कानून का उल्लंघन करके फीस बढ़ाता है, तो उसे अगले 3 साल तक फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं होगी.
  • पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ये तय किया गया है कि अगले साल के एडमिशन के लिए स्कूलो को नवंबर तक अगले सत्र की फीस की घोषणा करनी होगी.ताकि अगर अभिभावकों चाहें तो उनके पास इसे चुनौती देने का पूरा समय मिले.
  •  नये नियम के मुताबिक हर स्कूल को फीस बढ़ाने के लिए एक कमिटी का गठन करना होगा. अगर स्कूलों ने कमिटी की गठन नहीं किया को उन्हें 1 लाख से लेकर 10 लाख कर तक का जुर्माना भरना होगा. गंभीर मामलों में स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है.

नये कानून में सरकार ने फीस ना देने के मामले में बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए भी कदम उठाया है. स्कूल अगर बच्चों की  सजा के तौर पर उन्हें लाइब्रेरी भेजने जैसे कदम उठाते हैं या स्कूल में परेशान करते हैं तो शिकायत मिलने पर हर बच्चे पर स्कूल को प्रतिदिन 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. 20 दिन बाद यह जुर्माना दोगुना और 40 दिन बाद तीन गुना हो जाएगा. शिकायत बरकरार रहने पर स्कूल की मान्यता रद्द भी हो सकती है.

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