दिल्ली : 8-10 सितंबर को होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन के लिए तमाम सुरक्षा एजेंसियां लगातार बैठकें कर रही हैं. मुख्य कार्यक्रम प्रगति मैदान में होगा. इसके लिए मल्टीलेयर सिक्योरिटी Multilayer security के इंतजाम किये गये हैं. विदेशी मेहमान की सुरक्षा में कोई चूक ना हो इसके लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल, एनएसजी (NSG) कमांडो और दिल्ली पुलिस की टीमें शामिल की गई हैं. सभी सुरक्षा एजेंसियों के कमांडोज को अलग-अलग स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मेहमानों की सुरक्षा के लिए Multilayer security
अमेरिकी राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन’ Joe Biden की सुरक्षा में तैनात ‘अमेरिकी सीक्रेट सर्विस’ का दस्ता बैठक शुरू होने से 3 दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुका है. आपको बता दें कि जहां जहां राष्ट्राध्यक्ष के रुकने का इंतजाम किया गया है, वहां से लेकर प्रगति मैदान तक आने के लिए कई स्तर के Multilayer security सुरक्षा इंतजाम हैं. प्रगति मैदान के भारत मंडपम और ‘स्टेट ऑफ आर्ट कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स’ से लेकर अलग अलग रास्तों , होटल्स और इन सभी स्थानों पर अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का दस्ता मौजूद रहेगा जहां से अंतराष्ट्रीय मेहमानों के कान्वाय गुजरेंगे .
दिल्ली में CRPF की “स्पेशल 50″ टीमें तैनात
दिल्ली में मेहमानों की Multilayer security के लिए दिल्ली पुलिस मुख्य तौर पर नोडल एजेंसी है. सवा लाख की कैपेसिटी वाली दिल्ली पुलिस के पचास हजार जवान सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर तैनात हैं. इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी G20 बैठक की सुरक्षा में तैनात किया गया है. CRPF के रक्षकों की 50 टीमें बनाई गई हैं, जिसमें करीब 1000 जवान शामिल हैं. इनमें ज्यादातर वो जवान हैं जो कभी न कभी VIP सुरक्षा में तैनात रह चुके हैं.
अभेद्य सुरक्षा उपकरणों से लैस हैं सुरक्षाबल
G20 के मेहमानों के लिए CRPF के जिन एक हजार जवानों को तैयार किया गया है उन्हें ग्रेटर नोएडा के वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में खास ट्रेनिंग दिया गया है. यही टीम “स्पेशल 50 टीम” है जो विदेशी मेहमानो के अभेद्य सुरक्षा मुहैय्या करायेंगे.इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से सीआरपीएफ के 50 ट्रेनर्स ने रक्षकों को तैयार किया है .इन रक्षकों की 50 टीमें बनाई गई. इसके अलावा करीब 300 बुलेटप्रूफ वाहन तैयार कराए गये हैं.
वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात रक्षकों को विशेष ट्रेनिंग
सीआरपीएफ के वीआईपी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जिन एक हजार जवानों को प्रशिक्षण दिया गया है वे कोई सामान्य जवान नहीं हैं बल्कि ये वो लोग हैं, जो पहले भी वीआईपी और वीवीआईपी सुरक्षा दल का हिस्सा रह चुके हैं. ये वो कमांडो है जो कभी न कभी एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा यूनिट्स के साथ काम कर चुके हैं. ये जवान विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के वीआईपी रूट्स के ‘कारकेड’ में चलेंगे. इसके साथ ही कई स्थानों पर सुरक्षा में भी CRPF की स्पेशल 50 टीम तैनात रहेगी. VIP के साथ चलने के लिए कुछ कमांडो ड्राइवरों को भी स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.
VIP के ठहरने की जगहों पर अभेद्य सुरक्षा चक्र तैनात
केंद्रीय सुरक्षा बलों ट्रेनिंग सेंटर में स्पेशल कमांडोज को वीआईपी के काफिले से लेकर ठहरने के स्थान तक की सुरक्षा का पूरा दायित्व सौंपने की ट्रेनिंग दी गई है. होटल या बैठक स्थल पर पहुंचने और निकलने बाद वीआईपी को गाड़ी तक कैसे पहुंचाना है, उस वक्त सुरक्षा को लेकर किस तरीके का प्रोटोकॉल होगा,उनके बारे में भी पूरी विस्तृत जानकारी कमांडो को दी गई है. गाड़ी में कैसे बैठना है, कोई घटना होती है तो उस वक्त सुरक्षा का कौन सा फार्मूला इस्तेमाल करना है, खतरे का आभास हो तो विदेशी मेहमान की सुरक्षा कैसे करनी है, आदि बातें सिखाई गई हैं. बीच रास्ते पर अगर गाड़ी में अगर कोई टेक्निकल प्रॉब्लम आ जाये तो उसके लिए प्लान B को कैसे तैयार करना है इसके साथ ही उस दौरान पहले, दूसरे व तीसरे नंबर वाले वाहन की स्थिति क्या रहेगी, कौन सी गाड़ी में विदेशी मेहमान को शिफ्ट किया जाएगा, वीआईपी को किस तरह से सुरक्षा प्रदान करनी है, ये सब ट्रेनिंग में जवानों को बताया गया है.

