दरभंगा AIIMS निर्माण पर फिर लगा ग्रहण, बिहार सरकार द्वारा दिये गए शोभन बाईपास वाली जमीन को मंत्रालय ने किया रिजेक्ट

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DARBHANGA AIIMS
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दरभंगा : दरभंगा में प्रस्तावित एम्स AIIMS निर्माण पर फिर एक बार ग्रहण लग गया है. बिहार सरकार द्वारा दिये गए शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण  मंत्रालय ने रिजेक्ट कर दिया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने 26 मई को एक पत्र जारी करते हुए इस जमीन को रिजेक्ट कर दिया है. इस बात की जानकारी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने दरभंगा में भाजपा द्वारा आयोजित व्यापारी सम्मेलन में कहा.

AIIMS के निर्माण पर बवाल

आपको बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि वे नहीं चाहते हैं कि दरभंगा में एम्स AIIMS का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाए. उन्होंने कहा कि दरभंगा में अगर एम्स AIIMS  का निर्माण नहीं हुआ तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा. आपने उत्तर बिहार और मिथिला के लाखों लोगों को इलाज कराने से वंचित कर दिया है. सिर्फ इसलिए कि इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को ना मिल जाए. लोग यह ना कहें कि एम्स AIIMS को नरेंद्र मोदी ने बनवाया.

मंत्रालय ने रिजेक्ट किया जमीन

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले कहते थे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बना दिया जाए. फिर उन्होंने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स निर्माण के लिए जमीन दे रहा हूं. फिर नीतीश जी ने कहीं और एम्स निर्माण के लिए जमीन दे दिया. जब केंद्र की टीम एम्स AIIMS निर्माण स्थल को देखने आई तो उसने कहा कि यहां तो बिल्डिंग बनाना संभव ही नहीं है और रिजेक्ट कर दिया. 5 साल से ऊपर होने को चला है लेकिन आज तक दरभंगा एम्स का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पाया क्योंकि बिहार सरकार ने जमीन उपलब्ध नहीं कराया.

विकास पर राजनीति गलत है

इसके अलावा सुशील मोदी ने कहा कि राजनीति विकास पर नहीं होनी चाहिए. जान बूझकर बिहार सरकार ने एम्स को जमीन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि समाचार पत्र के माध्यम से पता चला है कि जदयू के 20 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि दरभंगा से एम्स को हटाकर सहरसा में बनाया जाए. वहीं उन्होंने कहा कि जो लोग एम्स के साथ राजनीति कर रहे हैं वह लोग कान खोल कर सुन लें. लोकसभा के चुनाव में आप एक भी सीट मिथिलांचल से जीत नहीं पाएंगे. क्योंकि हम लोग एम्स के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे.