23 जून को पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक की तैयारी जोरों से चल रही है. हालांकि, बैठक से एक दिन पहले ही विपक्षी एकता में तनाव भी नजर आ रहा है. आप आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर उसका समर्थन नहीं करती है तो वह बैठक से बाहर जा सकती है.
केजरीवाल के बयान पर कांग्रेस का पलट वार
हलांकि केजरीवाल की पटना बैठक में पहले दिल्ली अध्यादेश पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन उसकी दिल्ली इकाई के नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल की इस मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. संदीप ने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में कल होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे. केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाए या न जाए. हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि विपक्ष की बैठक में न शामिल होने के लिए आप तो बहाने ढूंढ रहे थे. आपको बता दूं कि ये देश की चिंता करने वालों की बैठक है… सौदाबाजों की बैठक नहीं है.
#WATCH अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में कल होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे। केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाए या न जाए। हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि… pic.twitter.com/EIG7vIX361
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2023
बीजेपी और कांग्रेस के बीच अध्यादेश पर हुआ समझौता-आप नेता
वहीं कांग्रेस के अध्यादेश पर रुख नहीं साफ करने को लेकर आप के नेता भी कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं. आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि, “विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक समझौता हो गया है कि कांग्रेस भाजपा का समर्थन करेगी और जब इस अध्यादेश को राज्यसभा में लाया जाएगा तब कांग्रेस वॉकआउट करेगी। कांग्रेस अपना पक्ष साफ करने में इतना समय क्यों नहीं ले रही है?… हमें सब जगह से समर्थन मिला है, कांग्रेस की चुप्पी संदेहजनक है.”
#WATCH विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच एक समझौता हो गया है कि कांग्रेस भाजपा का समर्थन करेगी और जब इस अध्यादेश को राज्यसभा में लाया जाएगा तब कांग्रेस वॉकआउट करेगी। कांग्रेस अपना पक्ष साफ करने में इतना समय क्यों नहीं ले रही है?… हमें सब जगह से समर्थन… pic.twitter.com/gS5gAj4vZm
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केजरीवाल ने पहले क्या कहा था?
इससे पहले आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टियों को पत्र लिख बैठक में अध्यादेश के मुद्दे पर चर्चा करने को कहा था. केजरीवाल ने कहा था कि, “मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताएगी, क्योंकि बैठक में मौजूद अन्य राजनीतिक दल इसके बारे में पूछेंगे. चर्चा का पहला विषय दिल्ली अध्यादेश होगा. मैं प्रत्येक को इस अध्यादेश के जोखिमों के बारे में समझाऊंगा पार्टी बैठक में भाग ले रही है. मैं भारत का संविधान अपने साथ लाऊंगा और प्रदर्शित करूंगा कि यह अध्यादेश किस तरह इसका उपहास उड़ाता है,”
अध्यादेश को लेकर आप कांग्रेस पर बना रही है दबाव
इस बीच गुरुवार को आप सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने एक खबर भी दी कि अगर कांग्रेस पटना में होने वाली विपक्ष दलों की बैठक में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन का आश्वासन नहीं देगी, तो आम आदमी पार्टी बैठक से बाहर चली जाएगी: AAP सूत्र
If Congress won’t assure support against Centre’s ordinance in the Patna opposition meet, then Aam Aadmi Party to walk out of the meeting: AAP sources
— ANI (@ANI) June 22, 2023
वैसे अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तेलंगाना में सीएम केसीआर और लखनऊ में अखिलेश यादव सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी.
आपको बता दें, केंद्र सरकार ने 19 मई को “ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों” के संबंध में जीएनसीटीडी के लिए नियमों को अधिसूचित करने वाला एक अध्यादेश लाई थी. अध्यादेश के कारण AAP और केंद्र के बीच एक नया विवाद पैदा हो गया, AAP ने कहा कि दिल्ली एलजी के माध्यम से सरकार चलाना चाहती है, केंद्र नहीं चाहता कि चुनी हुई सरकार काम करे.
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