पटना, 6 से 10 नंवबर के बीच हुए बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र को जितना आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 50 से 75 प्रतिशत करने के लिए याद किया जाएगा उससे कही ज्यादा मुख्यमंत्री के बयानों के लिए इसकी चर्चा होती रहेगी.
5 दिन के सत्र में नीतीश कुमार ने 2 दिन ऐसे बयान दिए की हंगामा हो गया. सीएम के बयानों को विपक्ष ने महिला सम्मान और महा दलित के अपमान से ऐसा जोड़ा की सरकार ने सीएम के सार्वजनिक कार्यकर्मों में प्रेस की इंट्री ही बैन कर दी.
नीतीश ने प्रेस को किया दूर से प्रणाम
14 नवंबर यानी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना के बेली रोड पर नेहरू पार्क में लगी आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन एवं पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे. सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी श्रद्धांजलि दी और फिर कार में बैठ के निकल गए.
प्रशासन ने इस कार्यक्रम के दौरान मीडिया को पार्क से बाहर ही रखा. सीएम नीतीश कुमार जो आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों के बाद मीडिया से बात करने ज़रुर रुकते थे वो भी नहीं रुकें. जब मीडिया कर्मियों ने उन्हें आवाज़ लगाई तो सीएम ने दूर से ही मीडिया को प्रणाम कर दिया और निकल गए.
मीडिया को नीतीश ने किया दूर से प्रणाम, विधानसभा सत्र में दिए विवादित बयानों के बाद मौन हुए सीएम. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर बेली रोड में पंडित जी को पुष्पांजलि दे चुपचाप निकल गए सीएम. #NitishKumar #NitishKumarStatement #Bihar pic.twitter.com/e33ftKqsRK
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) November 14, 2023
किन बयानों पर हुआ था विवाद
तो आपको बता दें, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जाति जनगणना रिपोर्ट पर अपनी बात रखते हुए सीएम ने जनसंख्या नियंत्रण और महिला शिक्षा को जोड़ कर ऐसी बात कही की बीजेपी समेत पूरा विपक्ष उनसे इस्तीफे की मांग करने लगा. हलांकि उनके डिप्टी तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के बयान को सेक्स एजुक्शन बता कर बात को संभालना चाहा, लेकिन हंगामा इतना हुआ को सीएम को अपनी ही निंदा करनी पड़ी और माफी भी मांगना पड़ा.
इसके बाद सत्र के चौथे दिन जाति गणना के आकड़ों के हिसाब से आरक्षण का दायरा 50 से 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पेश करने के दौरान सीएम नीतीश कुमार हम पार्टी के सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर बरस पड़े. मांझी के जाति गणना के आकड़ों पर सवाल उठाने से नाराज़ सीएम ने ये तक कह दिया कि हमारी भूल थी कि तुमको मुख्यमंत्री बनाया. हंगामें के बाद सीएम को इस बयान के लिए भी माफी मांगनी पड़ी.
मांझी और बीजेपी ने कहा सीएम का दिमागी संतुलन खराब हो गया है
शीतकालीन सत्र में दिए सीएम नीतीश कुमार के बयानों के बाद बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम झांसी में मीडिया में बयान दिए की नीतीश कुमार की उम्र हो गई है. वह बीमार है और अपना मानसिक संतुलन खो चुकें है. मांझी ने तो इतना तक कहा कि सीएम को खाने में ज़हर दिया जा रहा है इसलिए वो बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं.
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